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Hathras Accident: गुप्तचर विभाग में नौकरी... फिर सत्संग... जानिए कौन हैं Narayan Sakar Hari उर्फ भोले बाबा...  जिसके हाथरस सत्संग में हुआ हादसा

Who is Bhole Baba: नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा मूल रूप से यूपी के एटा जिले स्थित बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं. भोले बाबा खुद को आईबी का पूर्व कर्मचारी बताते हैं. वह अपने समागम में बताते हैं कि नौकरी के दिनों में उनका मन बार-बार आध्यात्म की तरफ भागता था. नौकरी के बीच उन्होंने निस्वार्थ भाव से भक्तों की सेवा का कार्य शुरू कर दिया. फिर इसी रास्ते पर चल पड़े. 

Bhole Baba With Wife (File Photo) Bhole Baba With Wife (File Photo)
हाइलाइट्स
  • नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ करते हैं सत्संग 

  • एटा जिले के रहने वाले हैं भोले बाबा

Hathras Incident: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार की शाम को एक बड़ा हादसा हो गया. इसमें कम से कम 107 श्रद्धालुओं की जान चली गई है जबकि कई घायल हुए हैं. दरअसल, सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र स्थित फुलरई गांव में नारायण साकार हरि (Narayan Sakar Hari) उर्फ साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का सत्संग था. इसमें हिस्सा लेने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे थे. इसी दौरान भगदड़ मच गई और देखते ही देखते बाबा का दरबार श्मशान बन गया. आइए जानते हैं, कौन हैं नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा?  

एटा जिले के इस गांव के रहने वाले हैं भोले बाबा
नारायण साकार हरि मूल रूप से यूपी के एटा जिले स्थित बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआत पढ़ाई-लिखाई यही हुई. भोले बाबा खुद को इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) का पूर्व कर्मचारी बताते हैं. दावा है कि 26 साल पहले बाबा सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे. आध्यात्मिक जीवन में आने के बाद अपना नाम बदल लिया और नारायण साकार हरि के नाम से जाने जाने लगे.

अन्य साधु-सतों की तरह नहीं धारण करते हैं गेरुआ वस्त्र 
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा अन्य साधु-सतों की तरह गेरुआ वस्त्र धारण नहीं करते हैं. वह अक्सर सफेद सूट, टाई और जूते में नजर आते हैं. कई बार कुर्ता-पाजामा पहने दिखते हैं. इंटरनेट के इस जमाने में अन्य साधु- सतों और कथावाचकों से इतर भोले बाबा सोशल मीडिया से दूर हैं. 

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लाखों हैं अनुयायी
भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं. साकार हरि अपने समागम में खुद बताते हैं कि नौकरी के दिनों में उनका मन बार-बार आध्यात्म की तरफ भागता था.

नौकरी के बीच उन्होंने निस्वार्थ भाव से भक्तों की सेवा का कार्य शुरू कर दिया. फिर इसी रास्ते पर चल पड़े. भोले बाबा बताते हैं कि उनके समागम में जो भी दान, दक्षिणा, चढ़ावा आता है, उसे अपने पास नहीं रखते बल्कि भक्तों में खर्च कर देते हैं. नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं. इनके सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है.

खुद को बताते हैं हरि का शिष्य 
नारायण साकार हरि, खुद को हरि का शिष्य बताते हैं. वह अक्सर अपने प्रवचन में कहते हैं कि साकार हरि पूरे ब्रह्मांड के मालिक हैं. यहां तक कि ब्रह्मा, विष्णु और शंकर ने भी साकार हरि को ही गुरु माना है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हाथरस समेत पूरे इलाके में भोले बाबा काफी समय से सत्संग करवाते हैं. वह करीब 10 सालों से सत्संग दे रहे हैं.

पहले भी आ चुके हैं विवादों में 
नारायण साकार हरि के सत्संग में हमेशा ही हजारों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं. दो साल पहले भी जब देश में कोराना की लहर चल रही थी, उस समय यूपी के फर्रुखाबाद में मई 2022 में भोले बाबा के सत्संग का आयोजन किया गया था.

जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे. यहां उमड़ी भीड़ के चलते शहर की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. उस समय जिला प्रशासन ने आयोजकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी. उधर, हाथरस में हुई घटना के बाद यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि काहे बात के बाबा, कौन से बाबा. नारायण साकार हरि के ऊपर छह अपराध है, जिसमें यौन शोषण भी शामिल है. 

हेल्पलाइन नंबर जारी
जिला पुलिस-प्रशासन ने हाथरस में हुई दुर्घटना के बाद आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. ये नंबर हैं 9259189726 और 9084382490. स्थानीय प्रशासन की ओर जारी हेल्पलाइन नंबर 05722227041 और 05722227042 पर भी फोन कर जानकारी ले सकते हैं.

मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं
भोले बाबा का महीने की शुरुआत के पहले मंगलवार को सत्संग होता है. इसी के तहत 2 जुलाई 2024 को फुलरई गांव में भोले बाबा का सत्संग था. इस सत्संग में यूपी के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोग आए थे.

भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाहनों की संख्या तीन किलोमीटर तक फैली हुई थी. सत्संग समाप्त हुआ उसके बाद लोग वहां से जाने लगे. इसी दौरान भोले बाबा भी जाने लगे. बाबा के चरण पर गिरने के लिए श्रद्धालु टूट पड़े. इसी दौरान भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे को देख ही नहीं रहे थे. महिलाएं और बच्चे गिरते चले गए. कोई बचाने वाला नहीं था. चारों ओर चीख-पुकार मच गई. मरने वाले में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं. 

केंद्र और राज्य सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की गई है.