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गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने वाला कालीचरण गिरफ्तार, जानिए 8वीं पास से महंत बनने की कहानी

रायपुर में आयोजित हुए धर्म संसद में कालीचरण महाराज (kalicharan maharaj) ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया.  जिसके बाद छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में कालीचरण महाराज की जमकर आलोचना हो रही है. इसी कड़ी में कालीचरण महाराज के खिलाफ रायपुर पुलिस ने कई स्थानों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर कालीचरण महाराज कौन हैं? आज हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है. 

Kalicharan Maharaj Kalicharan Maharaj
हाइलाइट्स
  • अकोला के अभिजीत बने कालीचरण

  • भय्यूजी महाराज से ली दीक्षा

रायपुर में आयोजित हुए धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया.  जिसके बाद छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में कालीचरण महाराज (kalicharan maharaj) की जमकर आलोचना हो रही है. इसी कड़ी में कालीचरण महाराज के खिलाफ रायपुर पुलिस ने कई स्थानों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया है. 

आज सुबह कालीचरण महाराज को रायपुर पुलिस ने खजुराहो से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार करने के बाद उन्हें सड़क मार्ग से रायपुर लाया जा रहा है. जहां उन्हें थाने और कोर्ट में पेश किया जाएगा. दरअसल कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे की सराहना की थी और कहा कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए सरकार के प्रमुख के रूप में एक कट्टर हिंदू नेता को चुनना चाहिए. 

लेकिन सवाल यह है कि आखिर कालीचरण महाराज कौन हैं? आज हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है. 

अकोला के अभिजीत बने कालीचरण: 

बताया जा रहा है कि कालीचरण का वास्तविक नाम अभिजीत सारग है. और वह महाराष्ट्र में अकोला के रहने वाले हैं. भावसार समाज से आने वाले अभिजीत के पिता एक सामान्य दुकान चलाते हैं. वह बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं. 

कालीचरण की शिक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं है. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि उन्होंने आठवीं तक पढ़ाई की हुई है. एक बार खुद कालीचरण ने भी कहा था कि उन्हें स्कूल जाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उन्हें धर्मग्रंथ पढ़ना अच्छा लगता था और वह अध्यात्म की दुनिया से जुड़ते चले गए. 

भय्यूजी महाराज से ली दीक्षा: 

मात्र आठवीं तक पढ़े अभिजीत को उनके परिवार ने इंदौर उनकी मौसी के पास भेजा था. यहां उन्होंने हिंदी बोलना सीखा और भय्यूजी महाराज के आश्रम जाने लगे. कालीचरण ने इंदौर के दिवंगत भय्यूजी महाराज से दीक्षा ली. उन्होंने भय्यूजी महाराज के सानिध्य में कई धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न किया था. कालीचरण महाराज 2017 में अकोला लौट आए और उन्होंने नगर निगम के चुनाव में किस्मत आजमाई लेकिन चुनाव हार गए. 

शिव ताण्डव स्त्रोत से हुए थे मशहूर: 

कालीचरण खुद को शिवभक्त बताते हैं. वह लाल रंग के कपड़े पहनते हैं और ललाट पर सिंदूर का टीका लगाते हैं. हर साल अकोला में कावंड यात्रा में भाग लेते हैं. कालीचरण महाराज अपने रूप और श्रृंगार को लेकर चर्चा में रहते हैं.

कालीचरण महाराज पिछले साल उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने मध्य प्रदेश में शिव तांडव स्त्रोत गाया था. उनका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया. इसके बाद कालीचरण युवाओं के बीच अच्छा-खासा मशहूर हो गए. 

देवी काली ने दिए थे दर्शन: 

कालीचरण महाराज ने एक बार दावा किया था कि उन्हें देवी काली ने दर्शन दिए थे. उन्होंने कहा था कि एक दुर्घटना में उनके पांव टूट गए थे और सर्जरी होनी थी. लेकिन काली मां ने उन्हें दर्शन दिए और उनके पांव को पकड़ कर खींचा. जिससे उनके पैर ठीक हो गए और सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ी. 

इसी तरह एक बार उन्होंने ऋषि अगत्स्य से मुलाकात का दावा भी किया था. लेकिन हाल ही में महात्मा गांधी के खिलाफ टिप्पणी करके उन्होंने अपने लिए मुसीबत बढ़ा ली है. क्योंकि उनके इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीती गरमा गई है. कई नेताओं ने उनके बयान की निंदा की है.