लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lieutenant General Manoj Pande) को भारतीय थल सेना ने अपना अगला सेनाप्रमुख नियुक्त किया है. वह 29वें थल सेना प्रमुख के तौर पर जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की जगह लेंगे. जनरल नरवणे का 28 महीनों का कार्यकाल 30 अप्रैल को पूरा हो रहा है. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी होंगे. जो सेना प्रमुख की कमान संभालेंगे.
कौन है जनरल मनोज पांडे?
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के ग्रेजुएट मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में शामिल किया गया था. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ पल्लनवाला क्षेत्र में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान एक डिजाइनर रेजिमेंट की कमान संभाली थी. इसके तहत पाकिस्तान से लगने वाली पश्चिमी सीमा पर सैनिकों और हथियारों की बड़े पैमाने पर लामबंदी की गई थी. इसके बाद से भारत और पाकिस्तान युद्ध करने की कगार पर आ गए थे.
लगभग चार दहाई के सैन्य करियर में, जनरल मनोज पांडे ने पश्चिमी थिएटर में इंजीनियर ब्रिगेड और LOC पर सेना ब्रिगेड की कमान संभाली. उन्होंने लद्दाख में एक पर्वतीय विभाजन और उत्तर पूर्व में एक वाहिनी का नेतृत्व भी किया. पूर्वी कमान की जिम्मेदारी संभालने से पहले वह अंडमान और निकोबार कमान के अध्यक्ष थे.
चीन पर क्या होगा असर?
सेना में हुए इस फेरबदल का असर चीन के खिलाफ भारत की रणनीति पर भी पड़ेगा. लेफ्टिनेंट जनरल सेना की पूर्वी कमान का कमांडर होता है, जो सिक्किम से अरुणाचल प्रदेश तक की सीमा की रक्षा करता है. ऐसे में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को थल सेनाध्यक्ष का नया उप प्रमुख नियुक्त किए जाने से सेना को एक और चीन विशेषज्ञ अधिकारी मिल जाएगा. इस बीच हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से सीडीएस का पद भी खाली है जिस पर सरकार ने अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं की है. हालांकि खबर है कि सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का नाम इस दौड़ में शामिल है और उन्हें सीडीएस का पद नियुक्त किया जा सकता है.