
सीनियर साइंटिस्ट नल्लाथम्बी कलाइसेल्वी को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) का महानिदेशक नियुक्त किया गया. इस तरह से नल्लाथम्बी देश भर में 38 शोध संस्थानों के संघ का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गई हैं. लिथियम-आयन बैटरी के क्षेत्र में अपने काम के लिए जानी जाने वाली, डॉ कलाइसेल्वी वर्तमान में तमिलनाडु के कराईकुडी में सीएसआईआर-केंद्रीय विद्युत रासायनिक अनुसंधान संस्थान की निदेशक हैं.
वह शेखर मांडे की जगह लेंगी, जो अप्रैल में सेवानिवृत्त हुए थे. मांडे के सेवानिवृत्त होने पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव राजेश गोखले को सीएसआईआर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
कहां-कहां किया काम?
डीएसटी, एमएनआरई और सीएसआईआर द्वारा वित्त पोषित बाह्य अनुसंधान, सहयोगी और प्रायोजित श्रेणियों के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं की आकाशगंगा के अलावा साल 2012-2017 में डॉ कलाइसेल्वी ने सीएसआईआर-सीईसीआरआई के साथ मल्टी फन (बहुक्रियाशील इलेक्ट्रोड और फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजीज के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स) के लिए एक नोडल वैज्ञानिक और 6 सीएसआईआर संस्थान प्रतिभागी प्रयोगशालाओं में भी काम किया है.
कितना है अनुभव
कलाइसेल्वी का 25 से अधिक सालों का शोध कार्य अनुभव है. उनका काम मुख्य रूप से इलेक्ट्रोकेमिकल पावर सिस्टम और विशेष रूप से इलेक्ट्रोड सामग्री के विकास, कस्टम-डिज़ाइन किए गए संश्लेषण विधियों, प्रतिक्रिया मापदंडों के अनुकूलन और ऊर्जा भंडारण उपकरण संयोजन में उनकी उपयुक्तता के लिए घर में तैयार इलेक्ट्रोड सामग्री का विद्युत रासायनिक मूल्यांकन पर क्रेंद्रित है.
कहां से की पढ़ाई?
कलाइसेल्वी तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के एक छोटे से शहर अंबासमुद्रम की रहने वाली हैं. उन्होंने एक तमिल माध्यम के स्कूल से पढ़ाई की, जिससे उन्हें कॉलेज में विज्ञान की अवधारणाओं को समझने में मदद मिली.
कई जगह दिया महत्वपूर्ण योगदान
कलाइसेल्वी ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए राष्ट्रीय मिशन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके पास 125 से अधिक शोध पत्र और छह पेटेंट हैं. कलाइसेल्वी ने फरवरी 2019 में सेंट्रल इलेक्ट्रोकेमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर-सीईसीआरआई) का नेतृत्व करने के लिए वैज्ञानिक बनकर सभी धारणाओं को तोड़ दिया.