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कौन हैं पद्मश्री राम वनजी सुतार, UNSC के हेडक्वार्टर में लगेगी जिनकी बनाई महात्मा गांधी की प्रतिमा, Statue of Unity के भी हैं निर्माता

राम वनजी सुतार एक भारतीय मूर्तिकार हैं, जिनकी बनाई मूर्ति UNSC के हेड क्वार्टर में लगाई जाएगी. राम सुतार ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी डिजाइन किया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा हैृ.

Ram Vanji Sutar Ram Vanji Sutar
हाइलाइट्स
  • यूएन मुख्यालय में लगेगी महात्मा गांधी की प्रतिमा

  • प्रतिमा का उद्घाटन 14 दिसंबर को किया जाएगा

अगले महीने भारत की सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान यहां के मुख्यालय में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का उद्घाटन किया जाएगा. यह मूर्ति भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र को उपहार के रूप में यहां लगाई जाएगी. यह महात्मा गांधी की पहली मूर्ति होगी जो यहां विश्व निकाय के मुख्यालय में स्थापित की जाएगी.

प्रसिद्ध भारतीय मूर्तिकार पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित राम वनजी सुतार ने इस प्रतिमा को बनाया है. आपतो बता दें कि राम वनजी सुतार ने ही गुजरात में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को भी डिजाइन किया है. 

दिसंबर में होगा प्रतिमा का उद्घाटन
आपको बता दें कि प्रतिमा का उद्घाटन 14 दिसंबर को किया जाएगा. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर, संयुक्त राष्ट्र में भारत की परिषद की अध्यक्षता के लिए यात्रा पर होंगे. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज के मुताबिक,  प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के विशाल उत्तरी लॉन में रखी जाएगी. 

भारत की ओर से यह पहली गांधी मूर्ति होगी जिसे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में स्थापित किया जाएगा. यह जगह दुनिया भर के उपहारों और कलाकृतियों को गर्व से प्रदर्शित करती है. UNHQ में कला के उल्लेखनीय कार्यों में जर्मनी द्वारा दान की गई बर्लिन की दीवार का एक हिस्सा, सोवियत मूर्तिकला लेट अस बीट स्वॉर्ड्स इन प्लॉशर्स', दक्षिण अफ्रीका द्वारा उपहार में दी गई नेल्सन मंडेला की कांस्य प्रतिमा आदि शामिल हैं. 

कौन हैं राम वनजी सुतार 
राम वनजी सुतार का जन्म 19 फरवरी, 1925 को महाराष्ट्र के धूलिया जिले के गोंडूर गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था. श्रीराम कृष्ण जोशी से उन्हें आर्ट रके क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली और बाद में, उन्होंने बॉम्बे में सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला लिया. 

पढ़ाई पूरी करने के बाद सुतार 1959 में दिल्ली आ गए जहां उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय में काम किया. हालांकि, उन्होंने फ्रीलांस मूर्तिकार के रूप में करियर शुरू करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. उन्होंने दिल्ली के लक्ष्मी नगर में एक स्टूडियो खोला और 1990 में नोएडा में जा बसे. 2004 में, उन्होंने अपना स्टूडियो स्थापित किया और 2006 में साहिबाबाद में अपनी कास्टिंग फैक्ट्री भी स्थापित की. 

अपने 60 साल के करियर में राम वनजी सुतार ने संसद के अंदर महात्मा गांधी की मूर्ति सहित कई मूर्तियां बनाई हैं. वह देश में सबसे बड़े और शोकेस किए गए मूर्तिकारों में से एक हैं और उनके काम की प्रतियां इंग्लैंड, फ्रांस और रूस जैसे अन्य देशों को भी उपहार में दी गई हैं. 

उनके कुछ उल्लेखनीय कार्य
1954 और 1958 के बीच, सुतार ने अजंता और एलोरा की गुफाओं की कई प्राचीन नक्काशियों को पुनर्स्थापित करने में योगदान दिया. सुतार के करियर को उनकी रचना, मध्य प्रदेश में 45 फुट के चंबल स्मारक ने स्थापित किया. यह स्मारक एक ही चट्टान से तराशा गया था, और इसका अनावरण 1961 में किया गया था. स्मारक अपने दो बच्चों, राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ मां चंबल का प्रतिनिधित्व करता है. 

News18 की रिपोर्ट के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू ने सुतार को भाखड़ा बांध बनाने वाले श्रमिकों के शिल्प कौशल को सम्मानित करने के लिए 50 फुट का कांस्य स्मारक बनाने के लिए भी कमीशन दिया था. यह लेबर स्टैच्यू 26 जनवरी, 1959 को स्थापित किया गया था और आज तक, यह भारत में हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस समारोह का केंद्र बिंदु बना हुआ है।. 

सुतार की अन्य प्रसिद्ध मूर्तियों में दिल्ली में गोविंद बल्लभ पंत की 10 फीट लंबी कांस्य प्रतिमा, बिहार में कर्पूरी ठाकुर और बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिन्हा की मूर्ति, अमृतसर में महाराजा रणजीत सिंह की 21 फीट ऊंची मूर्ति, और  गुजरात में विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ यूनिटी शामिल हैं.