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पत्रकार से नेता बनीं सुलोचना दास हैं BJD से मेयर पद की उम्मीदवार, पहली बार महिलाओं के लिए आरक्षित हुई मेयर पद की शीट

बता दें कि हाल ही में BJD ने 52.73 प्रतिशत वोट के रिकॉर्ड के साथ तीन स्तरीय पंचायत चुनावों में जीत हासिल की है और कुल 851 सीटों में से 766 सीटें जीती हैं. सत्तारूढ़ BJD ने शनिवार को राज्य में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) चुनावों से पहले तीन नगर निगमों के लिए पार्टी के मेयर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. जिसके लिए चुनाव 24 मार्च को होंगे.

Sulochana Das with CM Naveen Patnaik Sulochana Das with CM Naveen Patnaik
हाइलाइट्स
  • ओडिशा में पहली बार मेयर पद संभालेंगी महिला उम्मीदवार

  • BJD ने सुलोचना दास को किया नामित

ओडिशा सरकार ने इतिहास में पहली बार भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) मेयर पद को महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया है. राज्य के इतिहास में पहली बार होगा कि कोई महिला नगर निगम के मेयर पद को संभालेगी. ऐसे  में सभी की निगाहें सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) के मेयर उम्मीदवार के नाम की घोषणा पर थीं. क्योंकि पार्टी के लिए यह दांव बहुत बड़ा है.  

बता दें कि हाल ही में BJD ने 52.73 प्रतिशत वोट के रिकॉर्ड के साथ तीन स्तरीय पंचायत चुनावों में जीत हासिल की है और कुल 851 सीटों में से 766 सीटें जीती हैं. सत्तारूढ़ BJD ने शनिवार को राज्य में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) चुनावों से पहले तीन नगर निगमों के लिए पार्टी के मेयर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. जिसके लिए चुनाव 24 मार्च को होंगे.

सुलोचना दास हैं BJD की उम्मीदवार:  

ओडिशा के सीएम और BJD के मुख्य नेताओं में से एक नवीन पटनायक ने राजधानी भुवनेश्वर के लिए पार्टी के मेयर उम्मीदवार के रूप में सुलोचना दास को नामित किया है. सुलोचना दास ने 2017 में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर BJD ज्वाइन की थी. 

कभी पत्रकार रहीं सुलोचना दास BJD की प्रवक्ता भी रही हैं. बात अगर उनके करियर की करें तो उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिंझारपुर गांव के स्कूल से की है. स्कूल के बाद भद्रक कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर उन्होंने रेनशॉ विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया.  

उन्होंने इकोनॉमिक्स के साथ-साथ जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में भी मास्टर्स किया है. इसके अलावा उन्होंने  एलएलबी की डिग्री भी की हुई है. कई सालों तक बतौर जर्नलिस्ट काम करने के बाद सुलोचना ने राजनीति का रुख किया.  

दिव्यांगों के लिए किया है काम: 

2019 में सुलोचना को ‘पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज़’ (Persons with Disabilities) के लिए राज्य आयुक्त नियुक्त किया गया था और इस दौरान दिव्यांगों के लिए उन्होंने जो भी काम किया. उसकी सब जगह तारीफ होती है. उन्होंने विभिन्न जिलों में वृद्ध व्यक्तियों, ट्रांसजेंडरों, नशा करने वालों और निराश्रित लोगों के पुनर्वास के लिए इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉम्प्लेक्स बनवाने में महत्वूर्ण भूमिका निभाई.

इस परिसर में 200 बुजुर्ग नागरिकों सहित लगभग 600 व्यक्ति रह सकते हैं. देश में यह अपनी तरह की पहली सुविधाओं में से एक है. साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार का ध्यान बेसहारा लोगों को सशक्त बनाने पर केंद्रित कराया. जिस कारण बेसहारा, अकेले रहने वाले या परिवार द्वारा छोड़े गए बुजुर्गों को केंद्र में पुनर्वासित किया गया.

बड़े पद के साथ बड़ी जिम्मेदारी: 

इंडिया टुडे से बात करते हुए सुलोचना दास ने कहा, “मैं पार्टी सुप्रीमो माननीय सीएम नवीन पटनायक, नेता और कार्यकर्ताओं को मेरे जैसी एक सामान्य और अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता में विश्वास दिखाने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ. साथ ही राजधानी का मेयर पद एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है. यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सिर्फ राजधानी नहीं है बल्कि हर पहलू में ओडिशा का प्रतिनिधित्व करता है. अगर मुझे भुवनेश्वरवासियों का समर्थन मिलता है, तो बीएमसी आयुक्त, कार्यकर्ता और अन्य लोगों की मदद से शहर को नंबर 1 और झुग्गी मुक्त बनाने का काम करेंगे. 
 
सुलोचना दास का नाम घोषित होने के बाद भाजपा पार्टी ने लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सुनीति मुंड को भुवनेश्वर के मेयर उम्मीदवार के रूप में नामित किया है. नुआपाड़ा जिले की मूल निवासी सुनीति, साहित्य संस्थान, दक्षिण फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं.

वहीं, कांग्रेस ने शुक्रवार को मधुस्मिता आचार्य को इस पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया था. भुवनेश्वर में कमला नेहरू कॉलेज की पूर्व अध्यक्ष, मधुस्मिता एक उद्यमी, खिलाड़ी और ओडिसी नर्तकी भी हैं. 

बता दें कि ओडिशा नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2018 के अनुसार, महापौर सीधे लोगों द्वारा चुना जाएगा, न कि वार्ड पार्षदों से जो पहले एक प्रथा रही है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में महापौरों के लिए सीधी चुनाव प्रणाली है.