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अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे नए डिप्टी NSA विक्रम मिसरी, चीन में रह चुके हैं भारत के राजदूत

विक्रम मिसरी ने खासतौर से इस्लामाबाद में भी सेवा दी है, यहां पर मिसरी ने कुछ समय के लिए भारतीय मिशन का नेतृत्व भी किया जब उनके वरिष्ठ अधिकारियों को पाकिस्तान निष्कासित कर दिया गया. ट्यूनिस में उन्होंने ट्यूनीशिया का पहला पोलो क्लब स्थापित करने में भी मदद की और ब्रुसेल्स में विक्रम मिसरी भारतीय राजदूत के विशेष सहायक भी थे. विक्रम मिसरी ने भारत के विदेश मंत्री और प्रधान मंत्री के कर्मचारियों और पाकिस्तान मामलों के लिए जिम्मेदार डेस्क ऑफिसर के तौर पर भी काम किया है.

विक्रम मिसरी विक्रम मिसरी
हाइलाइट्स
  • विक्रम मिसरी पंकज सरन का स्थान लेंगे

  • मिसरी, मनमोहन सिंह के निजी सचिव रह चुके हैं

1989 बैच के IFS अधिकारी विक्रम मिसरी (Vikram Misri) को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (deputy NSA) नियुक्त किया गया है. चीन के विशेषज्ञ और बीजिंग में पूर्व भारतीय दूत विक्रम मिश्री उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में पंकज सरन का स्थान लेंगे, जो 31 दिसंबर, 2021 को पद छोड़ेंगे.  विक्रम मिसरी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे. 

विक्रम मिसरी का शुरुआती जीवन और शिक्षा

7 नवंबर 1964 को श्रीनगर में जन्मे विक्रम मिसरी की स्कूली शिक्षा ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से पूरी हुई थी. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री  हासिल की. विक्रम मिश्री ने XLRI, जमशेदपुर से एमबीए भी किया है. IFS अधिकारी बनने से पहले विक्रम मिश्री ने विज्ञापन एजेंसियों लिंटास और कॉन्ट्रैक्ट के साथ-साथ एक स्वतंत्र विज्ञापन फिल्म निर्माता के लिए तीन साल तक काम किया.

IFS अधिकारी के रूप में अब तक का कार्यकाल

1989 बैच के IFS अधिकारी विक्रम मिसरी को जनवरी 2019 में चीन में भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था. तब 54 वर्षीय मिश्री ने गौतम बंबावाले की जगह ली थी जो नवंबर, 2018 में रिटायर हुए थे. चीन में भारत के राजदूत के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले, मिसरी ने म्यांमार में भारतीय दूत के रूप में कार्य किया था. चीन में भारत के राजदूत के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ पैंगोंग त्सो और देपसांग मैदानों में चल रहे तनाव पर बीजिंग में बैठकों का नेतृत्व किया था.

यह वह था जिसने इस तरह की बैठकों के जरिये दोनों देशों के सैन्य कमांडरों और राजनयिकों के बीच कई दौर की बातचीत का नेतृत्व किया.  वह 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल और डॉ मनमोहन सिंह के प्रशासन में काम किया. उन्होंने उसी क्षमता में सेवा करना जारी रखा जब मनमोहन सिंह के बाद नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने. उन्हें 2014 में स्पेन में राजदूत और बाद में मोदी सरकार के तहत 2016 में म्यांमार में राजदूत नियुक्त किया गया था. 

विक्रम मिसरी वाशिंगटन DC में भारतीय दूतावास में कांग्रेस मामलों के सलाहकार भी रहे

विक्रम मिसरी ने खासतौर से  इस्लामाबाद में भी सेवा दी है, यहां पर मिसरी ने कुछ समय के लिए भारतीय मिशन का नेतृत्व भी किया जब उनके वरिष्ठ अधिकारियों को पाकिस्तान निष्कासित कर दिया गया. ट्यूनिस में उन्होंने ट्यूनीशिया का पहला पोलो क्लब स्थापित करने में भी मदद की और ब्रुसेल्स में विक्रम मिसरी भारतीय राजदूत के विशेष सहायक भी थे. विक्रम मिसरी ने भारत के विदेश मंत्री और प्रधान मंत्री के कर्मचारियों और पाकिस्तान मामलों के लिए जिम्मेदार डेस्क ऑफिसर के तौर पर भी काम किया है. विक्रम मिसरी वाशिंगटन DC में भारतीय दूतावास में कांग्रेस मामलों के सलाहकार भी थे. अपने इस कार्यकाल के दौरान वह प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह की 2005 की अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा और अमेरिकी कांग्रेस में भारत-अमेरिका परमाणु कानून के बाद के विचार के साथ निकटता से जुड़े थे.