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India-China Relation: जानें क्या है मैकमोहन रेखा, भारत-चीन के बीच सीमा पर क्यों नहीं सुधर रहे रिश्ते ?

भारत और चीन के बीच लगातार सीमा पर विवाद बढ़ते जा रहा है. अभी हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों के बीच ठन गई है. आइए जानते हैं क्या है मैकमोहन रेखा और क्यों सीमा पर चीन के साथ विवाद हो रहा है ?

भारत-चीन भारत-चीन
हाइलाइट्स
  • सीमा विवाद सुलझाने में भारत और चीन नहीं हो पाए हैं कामयाब 

  • अक्सर दोनों देशों में सीमा पर तानातानी होती रहती है 

भारत और चीन के बीच लगातार सीमा पर विवाद बढ़ते जा रहा है. अभी हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों के बीच ठन गई है. आइए जानते हैं क्या है मैकमोहन रेखा और क्यों सीमा पर चीन के साथ विवाद हो रहा है ? चीन की विस्तारवादी नीति के कारण अक्सर उससे सीमा पर विवाद होते रहता है.अरुणाचल प्रदेश भारत का है, लेकिन चीन इसे अपने नक्शे में दिखाता है. इसे लेकर भी भारत और चीन के बीच विवाद है.आक्साई चीन भारत का है, लेकिन उस पर चीन ने कब्जा कर लिया है. यह भी विवाद का वजह है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का है. मगर यह पाकिस्तान के कब्जे में है.उसमें से पाकिस्तान ने शक्सगाम वैली जो चीन को दी है वह भी हमारी है. इसे लेकर भी भारत और चीन के बीच विवाद है. भारत और चीन के बीच वर्ष 1950 से पहला विवाद शुरू हुआ. तब चीन भारत का हिस्सा रहे तिब्बत को अपना क्षेत्र बताने लगा. एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए तीन दशक में भारत और चीन के बीच पांच अहम समझौते हुए हैं. पहला समझौता 1993 में हुआ था. उसके बाद 1996 में दूसरा समझौता हुआ. फिर 2005, 2012 और 2013 में समझौते हुए. इसके बाद भी रिश्ते नहीं सुधरे.

मैकमोहन लाइन भारत और तिब्बत के बीच थी
मैकमोहन सीमा रेखा सन् 1914 में भारत और तिब्बत के बीच तय किया गया था.लेकिन जब से चीन ने तिब्बत का अधिग्रहण किया है तब से ये रेखा भारत और चीन के बीच स्थित है. यहां पर अक्सर सीमा को लेकर विवाद बन जाता है. इस रेखा की लंबाई भारत और चीन के बीच करीब 890 किलोमीटर है. इस रेखा का नाम मैकमोहन हैनरी मैकमहोन के नाम पर रखा गया था. क्योंकि उन्होंने ही शिमला समझौते में भारत की तरफ से रेखा बनवाई थी. यह रेखा अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर इत्यादि राज्यों से जुड़ी है.