scorecardresearch

वंदे भारत एक्सप्रेस के लिए क्यों चुना गया नारंगी रंग...क्या है इसके पीछे का साइंटिफिक कारण, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताई वजह

देश की पहली सेमी हाई स्पीड वंदे भारत सबसे पहले 16 कोच के साथ अपने ट्रेडिशिनल नीले और सफेद रंग के साथ लॉन्च हुई थी. इसके बाद नए एडवांस फीचर्स के साथ ऑरेंज रंग में वंदे भारत ट्रेन को लाने को लेकर रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि इसके पीछे कोई राजनीतिक नहीं पूरी तरह से साइंटिफिक कारण हैं.

वंदे भारत वंदे भारत

ट्रेन के पारंपरिक रंग को छोड़कर वंदे भारत एक्सप्रेस ने रंगीन अवतार अपनाया. अब इस कलर को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ कर दिया है कि रेल के नारंगी रंग के पीछे कोई राजनीति नहीं है, उन्होंने इसका साइंटिफिक कारण बताया. दरअसल काफी समय से वंदे भारत के नारंगी रंग को लेकर विपक्ष बराबर सवाल खड़े कर रहा था. लेकिन अब सरकार ने इसको लेकर मामला बिल्कुल साफ कर दिया है.

क्यों चुना गया नारंगी कलर
पत्रकारों से बातचीत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि नारंगी रंग की वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने के पीछे कोई राजनीति है. उन्होंने कहा कि रंगों का चयन वैज्ञानिक सोच से किया गया था. वैष्णव ने कहा, "मानव आंखों के लिए, दो रंग सबसे अधिक दिखाई देने वाले माने जाते हैं जिसमें पीला और नारंगी रंग आते हैं. यूरोप में, लगभग 80 प्रतिशत ट्रेनों में या तो नारंगी या पीले और नारंगी का संयोजन होता है." उन्होंने कहा, "सिल्वर रंग जैसे जैसे और भी कई रंग हैं, जो पीले और नारंगी जैसे चमकीले होते हैं, लेकिन अगर हम मानव आंखों की दृश्यता की बात करें तो ये दो रंग (नारंगी और पीले) अच्छे माने जाते हैं." वैष्णव ने कहा कि इसके पीछे कोई राजनीति नहीं है और यह 100 प्रतिशत वैज्ञानिक सोच है.

विमान का ब्लैक बॉक्स भी होता है नारंगी
उन्होंने कहा कि इसी वजह से विमानों और जहाजों में ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग के होते हैं. मंत्री ने कहा,'यहां तक कि बचाव नौकाएं और सेफ्टी जैकेट्स भी नारंगी रंग में ही होते हैं जिनका इस्तेमाल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल करता है.' भारतीय रेलवे ने 24 सितंबर को केरल के कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के बीच अपनी पहली नारंगी-ग्रे रंग की वंदे भारत ट्रेन शुरू की. यह उन नौ वंदे भारत ट्रेनों में से एक थी जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में हरी झंडी दिखाई थी.कासरगोड-तिरुवनंतपुरम 31वीं वंदे भारत ट्रेन थी, जो 19 अगस्त को तमिलनाडु के चेन्नई के पेरंबूर में रेल कोच निर्माता इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ट्रायल रन के लिए ट्रैक पर उतरी थी.

इससे पहले सोशल मीडिया पर वंदे भारत के स्लीपर कोच की नई झलक पेश की गई थी. रेल यात्रियों के सफर को सुखद बनाने के लिए वंदे भारत अब स्लीपर कोच के साथ आएगी जोकि 2024 के मध्य में लॉन्च की जा सकती है.

(गुड न्यूज टुडे चैनल को WhatsApp पर फॉलो करें ) 
 

ये भी पढ़ें: