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अगर VP Singh की बात मानते तो Ram Vilas Paswan OBC Reservation Bill को संसद में करते पेश, जानिए क्यों इस दलित नेता ने कर दिया था इनकार

पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरियों में 27 फीसदी आरक्षण को लेकर बीपी मंडल की रिपोर्ट को वीपी सिंह की सरकार ने लागू किया था. अगर तात्कालिक पीएम वीपी सिंह की बात मान लेते तो रामविलास पासवान इस बिल को संसद में पेश करते. लेकिन पासवान ने इससे इनकार कर दिया और खुद पीएम वीपी सिंह को इसे पेश करने का सुझाव दिया.

अगर वीपी सिंह की बात मानते तो रामविलास पासवान पिछड़ा आरक्षण बिल संसद में पेश करते अगर वीपी सिंह की बात मानते तो रामविलास पासवान पिछड़ा आरक्षण बिल संसद में पेश करते

बिहार के दिग्गज और देश के बड़े दलित नेताओं में शुमार रामविलास पासवान और वीपी सिंह की मुलाकात एक उपचुनाव में हुई थी. दरअसल बोफोर्स मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ने के बाद वीपी सिंह ने जन मोर्चा का गठन किया था और वीपी सिंह इलाहाबाद से उपचुनाव लड़ रहे थे. इसी दौरान रामविलास पासवान की मुलाकात वीपी सिंह से हुई. किताब 'कितना राज किताब काज' के मुताबिक रामविलास पासवान और वीपी सिंह एक साथ इलाहाबाद से दिल्ली आए. इस दौरान दोनों ने अपने राजनीतिक विचार साझा किए. ये सिलसिला आगे बढ़ता रहा. जब वीपी सिंह पटना आए तो पासवान ने उनको दलित छात्रावास की दयनीय हालत दिखाई.

वीपी सिंह पीएम और पासवान बने मंत्री-
विश्वनाथ प्रताप सिंह 2 दिसंबर 1989 को देश के 8वें प्रधानमंत्री बने. वीपी सिंह ने अपनी कैबिनेट में रामविलास पासवान को भी जगह दी. उनको श्रम एवं कल्याण विभाग मिला. 14 अप्रैल 1990 को कैबिनेट ने 4 बड़े फैसले लिए. बीआर अंबेडकर की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश, अंबेडकर प्रतिष्ठान की स्थापना, बौद्ध धर्म अपनाने वालों को आरक्षण और पैगंबर मोहम्मद की जन्म शताब्दी पर अवकाश की घोषणा जैसे फैसले कैबिनेट में लिए गए. 

वीपी सिंह ने मंडल आयोग पर पासवान से की थी बात-
किताब के मुताबिक रामविलास पासवान बताते हैं कि धूल खाती बीपी मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के विषय पर पीएम वीपी सिंह ने सबसे पहले डिप्टी देवीलाल और उस विभाग के मंत्री पासवान से चर्चा की थी. देवीलाल को मंत्री समूह का प्रमुख बनाया गया था और उनको 3 महीने में इसे लागू करने के तरीके पर रिपोर्ट देने को कहा गया था.

पासवान को मिली मिनिस्टर्स ग्रुप की कमान-
बीपी मंडल की रिपोर्ट को लागू करने के लिए देवीलाल को 3 महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया था. लेकिन देवीलाल ने मिनिस्टर्स ग्रुप के अध्यक्ष पद के इस्तीफा दे दिया. पासवान बताते हैं कि पीएम वीपी सिंह ने उनको समूह की अगुवाई कर रिपोर्ट जमा करने को कहा. पासवान का ये भी दावा था कि वीपी सिंह ने उनको बतौर विभाग के मंत्री इसकी घोषणा संसद में करने को कहा.

पासवान ने वीपी सिंह से रिपोर्ट पेश करने का सुझाव दिया-
जब वीपी सिंह ने रामविलास पासवान को मंडल आयोग की रिपोर्ट संसद में पेश करने को कहा तो पासवान और कुछ और मंत्रियों ने सुझाव दिया कि सवर्ण जाति से होने की वजह से अगर पीएम उसकी घोषणा करेंगे तो ज्यादा बड़ा संदेश जाएगा. इसके बाद पीएम वीपी सिंह ने इसका ऐलान किया.

जब पासवान मिलने उनके घर पहुंची सोनिया गांधी-
किताब 'कितना राज कितना काज' में सीनियर जर्नलिस्ट संतोष सिंह साल 2004 आम चुनाव से पहले के एक किस्से का जिक्र किया. जिसमें अचानक सोनिया गांधी के रामविलास पासवान के घर पहुंचने का जिक्र है. दरअसल रामविलास पासवान का घर 12 जनपथ सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ के बगल में है. एक दिन अचानक पासवान को उनके सुरक्षा गार्ड ने बताया कि सोनिया गांधी उनसे मिलने आई हैं. पासवान चकित थे, क्योंकि पहले से इसके बारे में उनको कुछ नहीं बताया गया था. जब तक पासवान गेट पर पहुंचते, तब तक सोनिया गांधी उनके कैंपस में पहुंच चुकी थीं. लेकिन सोनिया गांधी ने यूपीए का हिस्सा बनने से पहले पासवान के घर बैठने से इनकार कर दिया. सोनिया गांधी के इस कदम के बाद रामविलास पासवान ना नहीं बोल सके.

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