
दिल्ली चुनाव में विपक्षी गठबंधन की एकता में दरार पड़ गई है. विपक्ष के नेताओं ने आम आदमी पार्टी के लिए कांग्रेस ठीक चुनाव से पहले झटका दे दिया है. कांग्रेस के जो सहयोगी दल 7 महीने पहले तक कांग्रेस का हाथ थामे नजर आते थे. वह आज आम आदमी पार्टी का हाथ थामे हुए हैं.
लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने भाजपा को दी टक्कर
बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के लिए इन पार्टियों ने अपने-अपने मतभेदों को भूलकर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी. लेकिन विपक्षी एकता की पूरी कलई महज 7 महीने में ही खुल गई. दिल्ली के ही लोकसभा चुनाव में एक दूसरे के लिए वोट मांगने वाले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अब विधानसभा चुनावों में एक दूसरे के खिलाफ सियासी तलवार निकाल कर खड़े हैं. इस सियासी युद्ध में समस्या उनके लिए खड़ी हो गई थी जो विपक्षी गठबंधन में इन दोनों पार्टियों के साथ एकजुट दिख रहे थे. लेकिन अब धीरे-धीरे स्थिति साफ हो गई है. अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस पर आम आदमी पार्टी को तरजीह दी है और केजरीवाल के समर्थन का ऐलान कर दिया है.
विपक्षी दलों के सहयोग से 'आप' के हौसले हुए बुलंद
समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बाद शिवसेना उद्धव गुट ने भी कांग्रेस का हाथ झटक दिया है और आप के साथ खड़ी हो गई है. विपक्षी दलों से मिले समर्थन से आम आदमी पार्टी का हौसला बुलंद है. उनका कहना है कि उन्हें कांग्रेस की जगह सहयोगी दलों का समर्थन इसी लिए मिल रहा है क्योंकि बीजेपी को हराने में कांग्रेस नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी सक्षम है.
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस और आप के अलग-अलग रास्ता पकड़ लेने के बाद कांग्रेस आप को कोस रही है. बीजेपी वाले अंदाज में ही वो केजरीवाल पर हमला बोल रही है. कांग्रेस का कहना है कि केजरीवाल के सहयोगी दलों के समर्थन से दिल्ली में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.
भाजपा ने इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों पर कसा तंज
इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच हो रही तकरार पर बीजेपी तंज कस रही है. उनका कहना है कि दिल्ली की जनता समझदार है और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही नूरा कुश्ती को अच्छी तरह से समझती है.
विपक्ष के नेताओं ने दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की जगह केजरीवाल पर दांव खेलना ज्यादा मुनासिब समझा है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि दिल्ली में बीजेपी को मजबूत चुनौती आम आदमी पार्टी ही दे सकती है, कांग्रेस नहीं. ऐसे में विपक्ष के नेता केजरीवाल के पक्ष में लामबंद हो गये हैं.