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महिला की शिकायत पर Consumer Court ने Byju's और शाहरुख खान पर लगाया जुर्माना, जानिए पूरा मामला और क्या हैं ग्राहकों के अधिकार ?

जिला उपभोक्ता आयोग ने Byju's और उसके एंबेसडर शाहरुख खान पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. शिक्षण मानकों को पूरा नहीं करने के लिए कंपनी और झूठे विज्ञापन के लिए खान पर जुर्माना लगाया गया है. यह मामला प्रियंका दीक्षित द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने विज्ञापन से लालच में आकर Byju's में आईएएस कोचिंग के लिए 1.8 लाख रुपये का भुगतान किया था.

एक महिला ने मध्य प्रदेश में एक जिला उपभोक्ता अदालत में Byju's के मैनेजर और बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान पर 'धोखाधड़ी व्यवहार' और 'अनुचित व्यापार प्रथाओं' का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की. जिस वजह से अदालत ने उन्हें फीस वापस करने और मुआवजा देने का आदेश दिया है.

इंदौर की रहने वाली प्रियंका दीक्षित ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने 2021 में आईएएस की तैयारी के लिए Byju's की कोचिंग में दाखिला लेने के लिए 1.8 लाख रुपये फीस का भुगतान किया, लेकिन उन्हें कोई कोचिंग सुविधा नहीं मिली. महिला की शिकायत की वजह से जिला उपभोक्ता अदालत ने Byju's और शाहरुख खान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें फीस वापस करने और मुआवजा देने का आदेश दिया.

क्या हैं आरोप?
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पैसे वापस करने का वादा करने के बावजूद फीस वापस नहीं की गई. महिला ने यह भी दावा किया कि उसे Biyju's के प्रतिद्वंद्वियों की ओर से झूठे और भ्रामक ऑनलाइन विज्ञापनों के माध्यम से कोचिंग कोर्स में दाखिला लेने का लालच दिया गया था.

अपनी शिकायत में, प्रियंका दीक्षित ने शाहरुख खान को आरोपियों में से एक के रूप में नामित किया और आरोप लगाया कि वह 13 जनवरी, 2021 को प्रकाशित एक विज्ञापन से प्रभावित थी जिसकी वजह से उसने संघ लोक सेवा आयोग की नागरिक परीक्षाओं की तैयारी के लिए Byju's के कोचिंग कार्यक्रम में दाखिला लिया.

कितना लगा जुर्माना?
इंदौर जिला उपभोक्ता अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया कि शिकायतकर्ता को उसके द्वारा भुगतान की गई राशि का रिफंड मिलना चाहिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा,“2021 में प्रवेश के समय शिकायतकर्ता प्रियंका दीक्षित द्वारा जमा की गई फीस में 1.08 लाख रुपये 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाए जाने चाहिए, जबकि 5,000 रुपये मुकदमेबाजी लागत के रूप में और 50,000 रुपये वित्तीय और मानसिक पीड़ा के मुआवजे के रूप में दिए जाने चाहिए."

एक्टर की तरफ से नहीं मिला कोई जवाब
इंदौर जिला उपभोक्ता अदालत ने Byju's के स्थानीय प्रबंधक और अभिनेता शाहरुख खान दोनों को संयुक्त रूप से या अलग-अलग प्रियंका दीक्षित को रिफंड राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया. हालांकि खबर के अनुसार Byju's के प्रबंधक और शाहरुख खान मामले में नोटिस दिए जाने के बाद भी अनुपस्थित रहे. उनकी ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया, इसलिए उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई. प्रियंका दीक्षित का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुरेश कांगा के अनुसार, इंदौर जिला उपभोक्ता अदालत ने Byju's के इंदौर स्थित प्रबंधक और अभिनेता शाहरुख खान को आदेश का पालन करने और दीक्षित को राशि वापस करने के लिए 30 दिन की समय सीमा दी है.

क्या है कंज्यूमर राइट्स?
इस आधार पर हर कंज्यूमर के अपने कुछ अधिकार होते हैं. Consumer Rights यानी चीज़ों की क्वालिटी, क्वांटिटी, पोटेंसी, प्यूरिटी, स्टैंडर्ड और कीमत के बारे में सूचित किए जाने का अधिकार ताकि उपभोक्ता को अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाया जा सके.

Right to Consumer Education: इसके तहत जीवनभर एक सूचित उपभोक्ता होने के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का अधिकार है. उपभोक्ताओं के शोषण में मुख्य रूप से अधिकारों की अज्ञानता जिम्मेदार है.
 
Right to be informed: सुरक्षा का अधिकार उपभोक्ता को उसकी सुरक्षा का पूरा अधिकार देता है. इस अधिकार के तहत कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक को ऐसी कोई चीज नहीं दे सकता जिसकी क्वॉलिटी खराब हो और जिससे ग्राहक को वर्तमान या भविष्‍य में किसी भी तरह का नुकसान हो. अगर ऐसा कोई सामान दुकानदार द्वारा दिया जाता है तो आप उसे बदलवा सकते हैं लेकिन दुकानदार सामान को बदलने के लिए मना करे तो आप उसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

Right to Choose: इसके तहत उपभोक्ताओं को अपनी पसंद के उत्पाद चुनने की आजादी है. इसका मतलब ये है कि बेचने वाले को गुणवत्ता, ब्रांड, आकार आदि के संदर्भ में उत्पादों की एक विस्तृत विविधता पेश करनी चाहिए ताकि उपभोक्ता प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपलब्ध विभिन्न उत्पादों की तुलना करके एक सही विकल्प बना सके.

Right to be heard: उपभोक्ता को शिकायत दर्ज करने और किसी वस्तु या सेवा से असंतुष्ट होने की स्थिति में सुनवाई का अधिकार है. कोई भी ग्राहक के साथ अनुचित व्यवहार नहीं कर सकता. ग्राहक को बेईमान व्यक्ति के खिलाफ आवाज उठाने का हक है. 

Right to Safety: एक उपभोक्ता को ऐसी वस्तुओं और सेवाओं की मार्किटिंग से सुरक्षा का अधिकार है जो जीवन और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. यानी कोई भी वस्तु या सेवा ऐसी न हो जिससे उपभोक्ता को नुकसान पहुंचे.

Right to Redressal: उपभोक्ता को अनुचित व्यापार प्रथाओं और शोषण की वजह से हुए नुकसान के कारण मुआवजे की मांग करने का अधिकार है. दिया गया मुआवजा कितना नुकसान हुआ है इस बात पर निर्भर करेगा. कंज्यूमर द्वारा धोखा दिए जाने और उनका शोषण किए जाने की स्थिति में उपभोक्ताओं को उसके निवारण का अधिकार है.