संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कृषि कानून वापसी का बिल पास हो गया. तीनों कृषि कानूनों की वापसी का बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया है. इसके बाद बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद तीनों कृषि कानून रद्द हो जाएंगे. आज सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की चलते सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. लेकिन दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई और कानून वापसी का बिल पास किया गया. इसके बाद बिल को राज्यसभा में भेजा गया. अब राज्यसभा से भी कानून वापसी का बिल पास हो गया है.
सत्र में 30 बिल पेश करने की तैयारी
इस सत्र के दौरान सरकार करीब 30 विधेयक पेश करने जा रही है जिनमें बिजली, पेंशन, वित्तीय सुधार से संबंधित कम से कम आधा दर्जन से ज्यादा विधेयक शामिल हैं. आर्थिक एवं अन्य सुधार संबंधी विधेयकों में बिजली संशोधन विधेयक 2021, बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2021, मध्यस्थता विधेयक 2021, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कास्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरीज संशोधन विधेयक 2021 वगैरह शामिल हैं.
रविवार को बुलाई गई थी सर्वदलीय बैठक
इससे पहले रविवार को 11.30 बजे सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) बुलाई गई थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स भी शामिल हुए थे. संसद के शीतकालीन सत्र से पहले यह बैठक काफी अहम बताई गई थी. बैठक में विपक्ष किसानों को मुआवजा, MSP और महंगाई , बेरोजगारी और पेगासस स्पाइवेयर, सीएए के मुद्दे पर सरकार से सदन में चर्चा की मांग की थी. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने लाभकारी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के विनिवेश का मुद्दा उठाया था. तो वहीं मोदी सरकार सभी दलों को संसद में पेश किए जाने वाले सभी बिल के बारे में जानकारी दी थी. शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सरकार की ओर से बुलाई गई बैठक में कुल 31 पार्टियों ने हिस्सा लिया था.
पेगासस से लेकर एमएसपी तक, इन मुद्दों पर केन्द्र को घेरने के लिए तैयार विपक्ष
इस सत्र में विपक्षी दलों के नेता कृषि मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए फार्म लॉ रिपील बिल डिबेट करेंगे और कृषि उपज के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए एक कानून की भी मांग करेंगे. बता दें कि रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और द्रमुक उन पार्टियों में शामिल थीं. इन पार्टियों ने महिला आरक्षण विधेयक को चर्चा के लिए लाने का सुझाव दिया था.
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