हैदराबाद के एक डॉक्टर ने अपने मरीज की एक केस स्टडी शेयर की है. स्टडी में बताया गया कि लंबे समय तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने की वजह से उसकी आंखों की रोशनी कम होने लगी. उन्होंने बताया कि महिला को स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम (SVM) है. डॉक्टर ने शेयर किया कि ये सिंड्रोम कैसे होता है और अगर किसी को ऐसी दिक्कत होती है तो उसे कैसे ठीक करना है.
डॉ सुधीर कुमार ने बताया,“कुछ समय के लिए महिला को कुछ सेकंड तक कुछ भी नहीं दिखाई देता था. ऐसा ज्यादातर रात में होता था जब वह वॉशरूम जाने के लिए उठती थी. एक नेत्र विशेषज्ञ द्वारा उसका मूल्यांकन किया गया और विस्तृत मूल्यांकन सामान्य पाया गया. फिर उसे न्यूरोलॉजिकल कारणों को खारिज करने के लिए रेफर किया गया था. ”
लाइट बंद करके चलाती थी फोन
डॉक्टर ने बताया कि महिला का नाम मंजू है. वह देर रात तक फोन चलाती थी. वह पेशे से एक ब्यूटीशियन है जब उसे कुछे लक्षण विकसित हुए तो उसने नौकरी छोड़ दी. महिला कई घंटों तक फोन का इस्तेमाल करती थी और रात में लाइट बंद करने के बाद करीब 2 घंटे तक फोन चलाती थी.
डॉक्टर ने दवा लिखने के बजाय मजनू को सलाह दी और स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम से कम करने के लिए कहा. डॉक्टर ने बताया कि मंजू बहुत ज्यादा चिंतित थी क्योंकि उसे लग रहा था कि उसके दिमाग की नसों में कुछ दिक्कत है. जब डॉक्टर ने उसे ये बात बताई तो महिला ने कहा कि वो फोन का इस्तेमाल करना बिल्कुल बंद कर देगी और जब तक बहुत जरूरी नहीं होगा फोन की स्क्रीन नहीं देखेगी.
क्या है ब्रेक लेने का नियम?
डॉक्टर ने आगे सुधार की बात भी शेयर की. एक महीने तक खुद की लाइफस्टाइल में सुधार करने के बाद मंजू की दृष्टि ठीक हो गई. डॉक्टर ने उसे डिजिटल उपकरणों के हर 20 मिनट के उपयोग के बाद 20 सेकंड का ब्रेक लेने का भी सुझाव दिया. उन्होंने कहा, "डिजिटल स्क्रीन (20-20-20 नियम) का उपयोग करते हुए, 20 फीट की दूरी पर देखने के लिए हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लें."