रैपिड एक्स रेल का संचालन जल्द होने वाला है. रैपिड एक्स में आपको महिला सशक्तिकरण की झलक दिखाई देगी. आधुनिक हाई स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी रैपिड एक्स ट्रेनों के संचालन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. बताया जा रहा है कि इस खंड के परिचालन में महिला कर्मचारियों की भागीदारी पुरुष कर्मचारियों से अधिक होगी.
भारत की गढ़ी जा रही एक नई तस्वीर
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिक खंड का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 अक्टूबर को विधि विधान के साथ शुभारंभ कर सकते हैं. पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान माने जाने वाले परिवहन सेक्टर में देश की आधी आबादी की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित कर एनसीआरटीसी ने स्थापित लिंग मानदंडों को तोड़ने की तरफ एक सशक्त कदम उठाया है. इस प्रकार भारत की प्रथम रीजनल रेल की ओर से न सिर्फ तकनीक के क्षेत्र में कदम बढ़ाया जा रहा है बल्कि महिला सशक्तिकरण के प्रयासों से आधुनिक भारत की एक नई तस्वीर भी गढ़ी जा रही है.
महिला संचालकों की संख्या अधिक
प्राथमिक खंड में रैपिड एक्स ट्रेनों के संचालन के लिए नियुक्त ट्रेन संचालकों में पुरुष संचालकों की तुलना में महिला संचालकों की संख्या अधिक है. इसके अलावा, स्टेशन कंट्रोल, प्रबंधन, संचालन एवं रखरखाव, ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, ट्रेन अटेंडेंट के रूप में भी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
जरूरी प्रशिक्षण दिए गए
शहरी परिवहन प्रणाली से परिचित कराने एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए पहले इन संचालकों को तीन महीने के लिए क्लासरूम स्टडीज के साथ-साथ सिमुलेटर पर ट्रेन चलाने और ट्रेन की गति पर नियंत्रण करने समेत अन्य जरूरी प्रशिक्षण दिए गए. इस प्रशिक्षण में उन्हें आरआरटीएस प्रणाली में विश्व में पहली बार प्रयोग की जा रही ईटीसीएस लेवल-2 सिग्नलिंग प्रणाली, इसके रोलिंग स्टॉक, ट्रेन कंट्रोल सिस्टम के बारे में प्रशिक्षित किया गया. रैपिड एक्स ट्रेनों की परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है. इन महिला संचालकों के लिए इतनी तेज रफ्तार पर ट्रेन चलाना बहुत रोमांचक है.
महिला कर्मचारियों ने किया है बेहतरीन प्रदर्शन
ट्रेन का संचालन एक बहुत ही एकाग्रता, संयम एवं जिम्मेदारी का कार्य है. पिछले 6 महीने में इस प्रणाली पर ठीक उसी तरह ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जैसी परिचालन के बाद चलाई जाएंगी. इसके साथ ही इस प्रणाली के हर आयाम की बारीकी से जांच की जा रही है. इस पूरी प्रक्रिया में इन महिला कर्मचारियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. इन महिलाओं को तो इस परियोजना का हिस्सा होने की खुशी तो है ही, उनका परिवार भी गौरवान्वित महसूस कर रहा है. उनके अनुसार अब जब इस परियोजना का परिचालन होने जा रहा है, इतने यात्रियों की सुरक्षित और सफल यात्रा की ज़िम्मेदारी का एहसास और गहरा गया है.
कुल हैं 5 स्टेशन
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिक खंड में परिचालन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस खंड में 5 स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं. रैपिड एक्स ट्रेन यात्रियों के लिए तेज, सुरक्षित और आरामदायक आवागमन सेवा सुनिश्चित करेगी. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बहुकेंद्रित और संतुलित विकास को सक्षम कर, रोजगार, व्यवसाय और शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराएगा. सार्वजनिक परिवहन के इस सस्टेनेबल साधन से भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है.
(कुमार कुणाल की रिपोर्ट)
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