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बाइक राइडर नीतू चोपड़ा दे रहीं हैं लोगों को महिलाओं की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण का संदेश......किया कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर, चलायी 20 हजार किलोमीटर से ज्यादा बाइक

नीतू चोपड़ा अब अपनी दूसरी राइड पूरी कर वापस लौटी हैं. इस बार नीतू पर्यावरण और जल संरक्षण के संदेश के साथ बाइक राइड पर निकली थीं. उन्होंने 108 दिन में भारत के 28 राज्यों, 9 केंद्र शासित प्रदेशों और भारत के चारों कोनों को कवर किया है

बाइक राइडर नीतू चोपड़ा बाइक राइडर नीतू चोपड़ा
हाइलाइट्स
  • इस बार नीतू ने दिया पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश

  • नीतू के नाम पर विश्व रिकॉर्ड भी है

नीतू चोपड़ा, एक ऐसी महिला राइडर जो महिला सशक्तिकरण की आवाज को बुलंद करने के मकसद से अपनी एक्टिवा स्कूटी के साथ जागरूकता के लिए सड़कों पर निकल गई हैं. प्रियंका रेड्डी गैंग रेप होने के बाद राइटर नीतू चोपड़ा ने अपने सफर की शुरुआत की थी, उन्होंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया कि महिलाएं स्कूटी के ऊपर भी सुरक्षित हो सकती हैं और इसी विचार को उन्होंने समाज में फैलाने का प्रयास किया. इसके बाद वह 4200 किलोमीटर के सफर पर निकल गईं, यह उनकी पहली राइड थी, जिसमें उन्होंने महिलाओं के संरक्षण के लिए जागरूकता का प्रचार किया. जिसके लिए उन्होंने अपने नाम विश्व रिकॉर्ड भी किया. 

इस बार नीतू ने दिया पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश

नीतू चोपड़ा अब अपनी दूसरी राइड पूरी कर वापस लौटी हैं. इस बार नीतू पर्यावरण और जल संरक्षण के संदेश के साथ बाइक राइड पर निकली थीं. उन्होंने 108 दिन में भारत के 28 राज्यों, 9 केंद्र शासित प्रदेशों और भारत के चारों कोनों को कवर किया है. जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नीतू के लिए कहा, “ये बिटिया प्रधान मंत्री जी की संकल्पना, सशक्त युवा तथा महिला सशक्तिकरण की बेमिसाल उदाहरण हैं.” 

लक्ष्य हासिल करने के लिए पैसा नहीं बल्कि जुनून जरूरी

नीतू चोपड़ा ने नायरा संस्था द्वारा चलाए जा रहे राइड फॉर यूथ जागरूकता अभियान के तहत करीब साढ़े 20356 किलोमीटर की दूरी तय की है. उनकी इस राइड के दो मकसद थे, युवाओं के साथ नए विचारों  को साझा करना और जल संरक्षण पर चर्चा करना, साथ ही बिना पैसे लिए आम लोगों तथा प्रशासन के सहयोग से राइड कर युवाओं को यह एहसास दिलाना कि लक्ष्य हासिल करने के लिए पैसा नहीं बल्कि जुनून जरूरी होता है. 

 नीतू चोपड़ा
नीतू चोपड़ा

अनुभव बेहद चुनौतिपूर्ण रहे

नीतू चोपड़ा ने बताया कि हम बिना पैसे के राइड कर रहे थे, टायर फटने से लेकर बाइक के सभी हिस्सों के क्षतिग्रस्त होने तक, पेट्रोल पंपों पर ठहरने से लेकर 5-सितारा होटलों तक के अनुभव बेहद चुनौतिपूर्ण रहे.

साथ ही उन्होंने बताया, "जब लोग मुझसे पूछते हैं कि एक लड़की होने के नाते आप अकेले सवारी कर रही हैं, तो क्या आप डरती नहीं हैं? पैसे के बिना आप कैसे प्रबंधन करते हैं? क्या आपको पीठ दर्द नहीं होता है? ये सवाल मेरी ऊर्जा और हौंसलों  को दुगुना कर देते थे." 

नीतू आगे भी जागरूकता के काम को जारी रखना चाहती हैं, वह हर उस सामाजिक रूढ़ी के विरुद्ध आवाज उठाना चाहती हैं जो महिलाओ की आवाज को दबाती है.