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Cleaning of Yamuna River: अब दिल्ली में चकाचक होगी यमुना... नई सरकार का ऐसा है एक्शन प्लान... जानें कितना लगेगा साफ-सफाई में समय और क्यों रोका गया था पहले काम  

Delhi Yamuna River: दिल्ली में नई सरकार के गठन से पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर यमुना नदी की साफ-सफाई शुरू हो गई है. एलजी सक्सेना ने यमुना नदी की सफाई को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इसके साथ ही सरकार का एक्शन प्लान भी बताया है. 

Yamuna Cleaning Mission (Photo: PTI)   Yamuna Cleaning Mission (Photo: PTI)  
हाइलाइट्स
  • विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना में बढ़ती गंदगी बना था बड़ा मुद्दा 

  • दिसंबर 2027 तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य

Yamuna Cleaning Mission Started: अब दिल्ली (Delhi) में यमुना नदी (Yamuna River) का पानी चकाचक होगा. नई सरकार ने इसके लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. दिल्ली के उपराज्यपाल यानी एलजी वीके सक्सेना ने नदी की साफ-सफाई का निर्देश दिए हैं. कालिंदी कुलंज घाट पर नदी की सफाई का काम शुरू भी हो गया है. आइए जानते हैं इस साफ-सफाई के काम में कितना समय लगेगा और पहले क्यों काम रोक दिया गया था? 

लोगों में जगी साफ-सफाई की आस 
आपको मालूम हो कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान यमुना में बढ़ती गंदगी बड़ा मुद्दा बना था. यमुना की सफाई को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के फैसले के खिलाफ केजरीवाल सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के चलते दिल्ली में नदी की सफाई का काम रुक गया था. अब एलजी के निर्देश के बाद लोगों में नदी की साफ-सफाई की आस जगी है. 

एलजी वीके सक्सेना ने यमुना सफाई अभियान के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद गाद हटाने और खरपतवार निकालने के लिए आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं. एलजी सक्सेना ने यमुना नदी की सफाई को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इसके साथ ही सरकार का एक्शन प्लान भी बताया यानी यमुना नदी कैसे साफ होगी और इसका पानी पीने और नहाने योग्य कैसे होगा? इसको लेकर सबसे पहले चार रणनीति बनाई गई है.

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इस समय तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य
दिल्ली सरकार अगले दो वर्षों में शहर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs), जिनमें 6 नए प्लांट भी शामिल हैं को पूरी तरह से चालू कर देगी ताकि यमुना में बहने वाले सीवरेज और औद्योगिक कचरे को जाने से पूरी तरह रोका जा सके. दिसंबर 2027 तक यमुना को पूरी तरह स्वच्छ बनाने का लक्ष्य रखा गया है. यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव (सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग) नवीन चौधरी ने दी. नवीन चौधरी ने मशीनों से यमुना नदी में कूड़ा-कचरा साफ करने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली. 

उन्होंने कहा कि इस काम में सभी की भागीदारी जरूरी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का पूरा 57 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश की सीमा तक है. इस पूरे हिस्से को साफ किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले साल यानी 2026 तक सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स पूरी तरह से काम करने लगेंगे. इसके बाद यदि यमुना नदी में कोई भी अनुपचारित सीवेज गिरता मिला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी करीब 28 से 30 बड़े नाले यमुना में अनुपचारित अपशिष्ट जल डालते हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी ने बताया कि यमुना की साफ-सफाई के लिए दिल्ली के लोगों को जागरूक किया जाएगा.

लोगों को बताया जाएगा कि यमुना नदी में मूर्तियों को विसर्जित नहीं करें. नदी में पूजा पर चढ़ाए फूल, नारीयल, कैलेंडर व ऐसी ही अन्य वस्तुओं के फेंकने से नदी का पानी गंदा होता है. उन्होंने बताया कि ऐसी वस्तुओं के लिए कुछ स्थान बनाए जाएंगे, जहां लोग इनको डाल सकते हैं. बाद में इसको उचित तरीके से सम्मानपूर्वक विसर्जित किया जाएगा.  

यमुना नदी की सफाई का काम क्यों रुक गया था
आपको मालूम हो कि यमुना नदी की साफ-सफाई को लेकर एनजीटी के फैसले के बाद जनवरी 2023 में एक कमेटी बनाई गई थी. एनजीटी ने कमेटी का चेयरमैन एलजी वीके सक्सेना को बनाया था. तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार एनजीटी के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई.

दिल्ली सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि यमुना में प्रदूषण का मुद्दा गंभीर तो है लेकिन इसके ऊपर दिल्ली सरकार का बजट खर्च होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद 11 जुलाई 2023 को एनजीटी के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें यमुना सफाई कमेटी का अध्यक्ष उपराज्यपाल को बनाया गया था. लेकिन ये आदेश सिर्फ चेयरमैन के पद तक ही सीमित था. चूंकि दिल्ली में कोई सरकार नहीं है तो फिलहाल अधिकारियों के ऊपर यमुना की साफ-सफाई को लेकर ये जिम्मेदारी डाली गई है.