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weather Update: घट रहा यमुना का पानी, Delhi-NCR सहित 20 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, आईएमडी ने दी ये अहम जानकारी

Delhi Flood: दिल्ली में यमुना का जलस्तर 5 सेंटीमीटर हर घंटे घट रहा है. अनुमान है कि रविवार शाम तक जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा ही ऊपर रहे. यदि पानी इतना भी रहता है तो यमुना बाजार, मुखर्जी नगर, मॉडल टाउन और बुराड़ी व पूर्वी दिल्ली के जिन इलाकों में पानी घुसा है, वहां से पानी निकल जाएगा. 

दिल्ली में सड़कों पर जलजमाव से हो रही परेशानी दिल्ली में सड़कों पर जलजमाव से हो रही परेशानी
हाइलाइट्स
  • बारिश और हरियाणा से छोड़े गए पानी के चलते यमुना उफान पर

  • दिल्ली के 30 इलाके अभी भी बाढ़ से हैं प्रभावित 

दिल्‍ली में यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है. रविवार सुबह 6 बजे यमुना नदी का जलस्तर 206.14 मीटर रिकॉर्ड किया गया. हालांकि अभी भी दिल्‍ली के कई हिस्से यमुना के पानी में डूबे हुए हैं. उधर, भारतीय मौसम विभाग की ओर से अगले 24 घंटे में दिल्ली-एनसीआर सहित देश के 20 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

इन राज्यों में होगी भारी बारिश 
आईएमडी ने जानकारी देते हुए बताया कि अगले पांच दिनों तक उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित 20 राज्यों में भारी बारिश की संभावना है. बिहार, सिक्किम, असम, मेघायल में रविवार को भारी बारिश की उम्मीद है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के विदर्भ इलाका, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कोंकण और गोवा में 17 जुलाई से बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी. मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के सात जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर में 17 जुलाई तक भारी से अत्यधिक भारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

दिल्ली में बाढ़

दिल्ली में बाढ़ का कहर बरकरार
भारी बारिश और हरियाणा से छोड़े गए पानी के चलते यमुना उफान पर है. देश की राजधानी दिल्ली में बाढ़ का कहर अभी भी बरकरार है. अभी भी यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार है. यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है. दिल्ली का मयूर विहार, राजघाट, आईटीओ समेत कुछ इलाकें की सड़कें अभी भी पानी से लबालब हैं. पुरानी दिल्ली, कश्मीरी गेट और यमुना बाजार समेत दिल्ली के 30 इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं.

ITO बैराज के गेट खोलने की कोशिश जारी
आईटीओ बैराज को लेकर पिछले दो दिन से लगातार बयानबाजी हो रही है, उसके बाकी के 4 फाटक आज दोपहर से पहले खुल जाने की संभावना है. विशेषज्ञों और गोताखोरों की टीम वाटर लेवल से 35 फीट नीचे जाम हुए गेटों को साफ करने के लिए लगातार काम कर रही है. हर हिस्से से प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए गेट खुले रहेंगे. आर्मी, नेवी, विशेषज्ञ और गोताखोरों की टीम इसे खोलने के लिए लगातार जुटी हुई है.

दिल्ली में सड़कों पर जमा पानी

स्थिति बेहतर होने में लगेंगे और 20 घंटे
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अफसरों के अनुसार, यमुना का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है. जलस्तर करीब 5 सेंटीमीटर हर घंटे घट रहा है. इस रफ्तार से जलस्तर को एक मीटर कम होने में करीब 20 घंटे का समय लगेगा. अनुमान है कि रविवार शाम तक जलस्तर खतरे के निशान से थोड़ा ही ऊपर रहे. यदि पानी इतना भी रहता है तो यमुना बाजार, मुखर्जी नगर, मॉडल टाउन और बुराड़ी व पूर्वी दिल्ली के जिन इलाकों में पानी घुसा है, वहां से पानी निकल जाएगा. इससे इन सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में जनजीवन समान्य होने की उम्मीद है.

दिल्ली के इन मार्गों से दी गई बचने की सलाह 
सभी यात्रियों को खान मार्केट, तीन मूर्ति गोल चक्कर, जीजीआर-पीडीआर, ए-प्वाइंट से डब्ल्यू-प्वाइंट, कमला एक्सप्रेस बिल्डिंग, एंड्रयूज गंज, खानपुर टी-प्वाइंट, भैरों मार्ग पर अंडर रेलवे ब्रिज जैसे मार्गों से बचने की सलाह दी गई है. इन इलाकों में सड़कों पर पानी भरा हुआ है. 

दिल्ली में जलजमाव

पीएम मोदी ने एलजी से हालात का लिया जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विदेश से दिल्ली लौटने के तुरंत बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना से बात की और राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी ली. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि केंद्र की मदद और सहयोग से दिल्ली के लोगों के हित में हर संभव काम किए जाएं.

उत्तर भारत के 16 फीसदी जिलों में सूखे जैसे हालात
उत्तर भारत के कई हिस्सों में बाढ़ आने के बावजूद देश के लगभग 38 फीसदी जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है.आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 16 फीसदी जिलों में सूखे जैसे हालात बन गए हैं. वहीं, 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई नहीं हो पाई है. पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक दो मिलियन हेक्टेयर (एमएचए) में खरीफ फसलें नहीं बोई गई हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की जलवायु अनुसंधान और सेवाओं, पुणे की सूखा अनुसंधान इकाई ने मानक वर्षा सूचकांक (एसपीआई) जारी किया. इसके अनुसार देश का तीन प्रतिशत क्षेत्र अत्यंत शुष्क, पांच प्रतिशत गंभीर रूप से शुष्क, आठ प्रतिशत मध्यम शुष्क और 32 प्रतिशत हल्का शुष्क हैं. इसके अलावा देश का चार प्रतिशत क्षेत्र (जिलों का पांच प्रतिशत) गंभीर शुष्कता वाला था. आईएमडी के अनुसार 1 जून से 14 जुलाई तक 12 भारतीय राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई है. देश में 26 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से 60 फीसदी से भी कम बारिश हुई है.