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Happy Birthday Yogi Adityanath: 22 की उम्र में संन्यास और 26 की उम्र में सांसद बन गए थे Yogi Adityanath, जानिए बचपन से लेकर CM बनने तक की कहानी

Happy Birthday Yogi Adityanath: देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 50 साल के हो गए हैं. खबर है कि हर बार की तरह इसबार भी वो अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे लेकिन उनके समर्थक, उनके चाहने वाले इस खास अवसर पर भव्य आयोजन कर रहे हैं. और हम इस खास मौके पर आपको उनकी जिंदगी के बारे में अनसुनी कहानियां बताने जा रहे हैं.

CM Yogi Adityanath CM Yogi Adityanath
हाइलाइट्स
  • 22 साल में ही सांसारिक जीवन को त्याग कर ले लिया था संन्यास

  • महज 26 साल की उम्र में सांसद बनकर बनाया था रिकॉर्ड

कहते हैं कि देश में इस वक्त हिंदुत्व का सबसे बड़ा कोई चेहरा अगर है तो वो हैं देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath). महज 22 साल की उम्र में संन्यास और 26 साल की उम्र में सांसद बन जाने वाले योगी आदित्यनाथ कभी अपना जन्मदिन नहीं मनाते. लेकिन उनका व्यक्तित्व इतना विशाल हो चुका है कि हजारों लाखों समर्थक जन्मदिन के लिए महीनों से तैयारी में लगे रहते हैं.  इस बार भी उनके जन्मदिन के अवसर पर भव्य आयोजन किया जा रहा है. 5100 किलो का केक कटेगा तो वहीं दूसरी तरह 5 लाख लोग एक साथ हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. इसी से अंदाजा लगाइए कि उनका कद न सिर्फ उत्तरप्रदेश में बल्कि देश की राजनीति  में कितना बड़ा और विशाल हो गया है. आज वो 50 साल के हो गए हैं. इस खास मौके पर हम आपको उनके जिंदगी के अनुसने किस्सों के बारे में बताएंगे कि कैसे उत्तरांखंड का एक नौवजवान लड़का आंखों में सपने लिए एमएमसी करने के लिए गोरखपुर आता है और फिर वो वहीं का हो कर रह कर जाता है. और फिर एक दिन देश की राजनीति में इतना बड़ा चेहरा बन जाता है कि लोग उस चेहरे में अपना पीएम तक ढूंढने लगते हैं.

22 साल में संन्यास और महज  26 साल में बन गए थे सांसद  

चार भाई और तीन बहन कुल 7 भाई बहनों में  5वें नंबर के अजय सिंह विष्ट जो बाद में चलकर योगी आदित्यनाथ हुए उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में हुआ. पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी था. शुरुआती शिक्षा दीक्षा पौड़ी में ही हुई. अपना ग्रेजुएशन उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से किया. एमसी करने गोरखपुर आए लेकिन उस वक्त राम मंदिर के लिए हो रहे आंदोलन ने उनका ध्यान अपनी तरफ खिंचा. वो साल था 1993.  पढाई से उनका ध्यान भटका, क्योंकि कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. वो 1994 में गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा लेकर योगी बन गए और सांसारिक जीवन को त्याग कर संन्यास ले लिया. उम्र क्या थी महज 22 साल. लेकिन वो कहते हैं न जो इतिहास बदलने आए हैं वो समय से पहले परिपक्व हो जाते हैं. संन्यास लेने के लिए 22 साल की उम्र भी भला कोई उम्र होती है क्या, लेकिन कठीन फैसला विरले ही लेते हैं और उन्होंने लिया. 1998 आते आते महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. आदित्यनाथ की उम्र थी 26 साल. इसी साल लोकसभा प्रत्याशी के रूप में उन्होंने चुनाव लड़ा और सबसे कम उम्र में सांसद बन कर संसद भवन पहुंचे. इसके बाद..... 
इसके बाद उन्हें कभी पीछे मुड़कर देखने का मौका ही नहीं मिला. 1999 का लोकसभा चुनाव जीते, 2004 जीते, 2009 जीते, 2014 जीते. कुल पांच बार लोकसभा का चुनाव जीते. 2017 में जनसंख्या की लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने.  इस दौरान यूपी ही नहीं देश की सियासत में अपनी एक अलग पहचान कायम की. 2022 में चुनाव हुआ और लगातार दूसरी बार सूबे के सीएम बने.

CM Yogi Adityanath

जानवरों से है काफी प्यार 

अक्सर योगी आदित्यनाथ नाथ की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होती है, जिसमें वो कभी टाइगर के बच्चे को दूध पिलाते नजर आते हैं तो कभी बंदर को गोद में लेकर कलम चलाते. उनके जानने वाले कहते हैं कि उनको जानवरों से बेहद लगाव है. अपने फायर स्पीच की वजह से जिस तरह से वो चर्चा में रहते हैं या जिस तरह की गर्म मिजाज के नेता माने जाते हैं लेकिन वहीं वो दूसरी तरफ बेहद नरम दिल के इंसान कहे जाते हैं. थाईलैंड की वो तस्वीर जिसमें उनके गोद में टाइगर का बच्चा है और वो उस बच्चे को दूध पीला रहे हैं भले लोगों के लिए यह तस्वीर साहस भरा हो लेकिन वो इस तस्वीर के साथ लोगों को बाघों को बचाने की अपील भी करते नजर आते हैं.

विवादों से भी रहा है गहरा नाता 

हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक योगी आदित्यनाथ का नाम एक तरफ दिन पर दिन बड़ा होता गया तो दूसरी तरफ विवादों से भी जुड़ता गया. कई बार धर्म विरोधी और साम्प्रदायिक भाषण देने का आरोप लगा. 2007 में सांसद रहते 11 दिन के लिए जेल भी हुई. जेल से छूटने के बाद सदन में खुद के बारे में और पुलिस की बर्बरता का जिक्र करते हुए वो फफक कर रो पड़े थे. संसद का वह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. इस बीच उनके समर्थकों के बीच उनके लिए लगातर सपोर्ट बढ़ता ही जा रहा था.

जब हुआ था जानलेवा हमला

साल था 2008 और जगह था आजमगढ़. योगी आदित्यनाथ तब सांसद हुआ करते थे. वे आजमगढ़ के स्टूडेंट लीडर रह चुके अजित सिंह की तेरहवीं में शामिल होने जा रहे थे. उस वक्त उनके गाड़ियों के काफिले पर जानलेवा हमला हुआ. ताबड़तोड़ फायरिंग हुई लेकिन कहते हैं जिसका ऊपरवाला रखवाला है उसे कौन ही मार सकता है. योगी आदित्यनाथ इस हमले में बाल-बाल बच गए. और आज वो सीएम के रुप में सूबे में अपराधियों को पूरी तरह से साफ कर अमन और शांति बहाल करने में लगे हैं. जिसमें वो काफी हद तक सफल भी नजर आते हैं.