उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दिसंबर 2023 तक प्रदेश के सभी गांवों को परिवहन सेवा से जोड़ेगी. इसके लिए परिवहन निगम के सभी अफसरों को निर्देश दिया गया है. 4593 गांव सार्वजनिक परिवहन सुविधा से वंचित हैं. योगीराज में सशक्त हो चुकी परिवहन सेवा के जरिये यात्रियों की सुविधाओं पर पूरा फोकस किया जा रहा है.
परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) दयाशंकर सिंह ने परिवहन निगम/विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मुख्यमंत्री जी की मंशानुसार दिसंबर 2023 तक प्रदेश के सभी गांवों को परिवहन सेवा से जोड़ लिया जाए. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में आबाद ग्रामों की संख्या 100983 है तथा ग्राम सभाओं की संख्या 59163 है. इनमें से 4593 गांव सार्वजनिक परिवहन सुविधा से वंचित हैं. मुख्यमंत्री जी ने इन गाँवों को दिसम्बर 2023 तक इस सुविधा से युक्त किये जाने के निर्देश दिए हैं.
परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा सर्वे
प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में असेवित गांवों को परिवहन निगम की बसों से गाँवों को सुविधा युक्त करने के सम्बंध में परिवहन विभाग एवं परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुए बैठक में असेवित गांवों की उपलब्ध सूचना की पुष्टि व त्रुटि-विहीन बनाने हेतु स्थलीय सर्वे की आवश्यकता प्रतीत हुई. यह सर्वे परिवहन विभाग/निगम के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा.
10 अक्टूबर तक मुख्यालय में मांगी गई है रिपोर्ट
प्रमख सचिव ने बताया कि अधिसूचित मार्गों की सूचना परिवहन निगम व इनसे भिन्न मार्गों की सूचना परिवहन विभाग के पास उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि दोनों के संयुक्त अभ्यास व स्थलीय सर्वे से सूचना का संकलन सुविधाजनक व प्रमाणिक हो जायेगा. सर्वे कार्य एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाएगा. प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रत्येक जनपद के लिये न्यूनतम 02 दल बनाये गए हैं. डिपो स्तर से यह रिपोर्ट संकलित करके क्षेत्रीय प्रबन्धक/सम्भागीय परिवहन अधिकारी द्वारा यह रिपोर्ट 10 अक्टूबर 2023 तक मुख्यालय आ जाएगी.
बस सेवा के संचालन से पहले मांगी गई विस्तृत जानकारी
परिवहन मंत्री के मुताबिक स्थलीय सर्वे व मार्ग के सृजन का प्रस्ताव करते हुये ध्यान दिया जाय कि सम्बन्धित मार्ग से अधिकतम 01 किलोमीटर दूरी वाले गांव ही सेवित माने जाएंगे. इससे अधिक दूरी के ग्रामों के लिये पृथक बस सेवा संचालित की जाएगी. उन्होंने कहा कि बस सेवा के संचालन से सम्बन्धित तहसील एवं जिला मुख्यालय को संयोजित किया जाना अनिवार्य होगा. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इसे ध्यान में रखते हुए मार्गों का प्रस्ताव इस प्रकार तैयार किया जाए कि प्रस्तावित मार्ग की कुल दूरी 100 किलोमीटर से अधिक न हो.
किस मार्ग पर कितनी सीट क्षमता की बस का हो संचालन
परिवहन मंत्री ने कहा कि किस सीट क्षमता की बस से सम्बन्धित मार्ग पर निरापद एवं सुरक्षित संचालन किया जा सकेगा, इसका भी सर्वे में ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि गाँवों में बैलगाड़ी, ट्रैक्टर-ट्राली आदि के विपरीत दिशा से आने अथवा ओवरटेकिंग करने की स्थिति का समुचित संज्ञान लिया जाए, ताकि बस का संचालन सुगमता से हो सके.
(गुड न्यूज टुडे चैनल को WhatsApp पर फॉलो करें)