बिहार के युवा पर्वतारोही ने हिमालय की कलानाग पर्वत पर तिरंगा फहराया और देश का नाम रौशन किया. 24 साल के नंदन चौबे बक्सर के चौसा प्रखंड के सरेंजा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने ने कलानाग पर्वत पर पहुंचाने का रिकॉर्ड बनाया है. नंदन ने ये मुकाम 10 दिनों की लंबी और कठिन चढ़ाई के बाद हासिल किया. कलानाग पर्वत हिमालय पर्वत श्रृंखला में शामिल पर्वत की चोटी है, जो कि उत्तराखंड में स्थित है. कलानाग की ऊंचाई 6387 मीटर है. नंदन ने अपने चार दोस्तों के साथ ये कारनामा कर दिखाया. नंदन का अगला टारगेट माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना है.
कठिन रहा सफर- नंदन
नंदन चौबे ने बताया कि उनकी चढ़ाई काफी कठिन रही. लेकिन उनको उम्मीद थी कि वह इसे जरुर पूरा करेंगे. इसी उम्मीद के साथ आगे बढ़ते गए और आखिरकार उन्होंने कलानाग पर्वत को फतह कर लिया. नंदन ने कहा कि अगर सहायता मिले तो वो और भी कई चोटियों पर चढ़ाई कर सकते हैं.
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का लक्ष्य-
उत्तराखंड का माउंट सतो पथ पर चढ़ाई की तैयारी कर रहे हैं. माउंट सतो पथ 7075 मीटर ऊंचा है. इस चढ़ाई को प्री-एवरेट की चढ़ाई भी कहते हैं. नंदन चौबे का टारगेट माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना है.
फंड की कमी रोक रहा रास्ता- नंदन
नंदन ने बताया कि पहाड़ पर चैलेंज अलग है. लेकिन जमीन पर भी समस्या है. सबसे बड़ी समस्या फंड की है. हम नॉर्मल फैमिली से हैं. ऐसे में सरकार का सपोर्ट जरूरी है. नंदन ने बताया कि पिछली बार पूरी यात्रा में 90 हजार रुपए का खर्च आया था. इस बार एक लाख से ज्यादा खर्च हो रहा है. दो दिनों के बाद जाना है. लेकिन अब तक सिर्फ आधा फंड ही इकट्ठा हो पाया है. नंदन ने लोगों से अपील की है कि अगर मदद मिलती है तो सफर जारी रह सकता है.
कौन हैं नंदन चौबे-
नंदन चौबे के पिता का नाम अमरनाथ चौबे है. नंदन पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. नंदन के पिता झारखंड में सिंचाई विभाग में कार्यरत हैं. उनके दो भाई नौकरी करते हैं. नंदन के एक बहन की शादी हो चुकी है और दूसरी बहन पढ़ाई कर रही है. चंदन ने बताया कि उनकी स्कूलिंग हैदराबाद से हुई है. 12वीं के बाद उन्होंने पटना एनएन कॉलेज से बीबीए की पढ़ाई की. उसके बाद अपने शौक को पूरा करने में जुट गए. नंदन चौबे ने साल 2015 में पर्वतारोहण की शुरुआत की थी. नंदन चौबे अब तक 15 से 20 पर्वत चोटियों पर चढ़ाई कर चुके हैं. जिसमें 6500 मीटर ऊंची चढ़ाई भी शामिल है. नंदन चौबे बिहार के सबसे कम उम्र के ऐसे पर्वतारोही है, जिसने कलानाग पर्वत को फतह किया है.
(बक्सर से पुष्पेंद्र पांडेय की रिपोर्ट)
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