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नन्हीं उम्र में बड़ा करिश्मा...4 साल की बच्ची ने लिखी किताब, वर्ल्ड बुक ऑफ टैलेंट रिकॉर्ड 2022 में दर्ज हुआ नाम

साढ़े चार साल की बच्ची प्राविका ने एक किताब लिखी है. जिसके बाद उसका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ टैलेंट रिकॉर्ड 2022 में दर्ज हो गया है. प्राविका को पढ़ाई के साथ-साथ पेंटिंग जैसी चीजें तेजी से समझ जाती है. प्राविका की मां ने बताया कि किताब लिखने में करीब 1 साल का समय लगा.

प्राविका प्राविका
हाइलाइट्स
  • प्राविका ने कर दिया कमाल

  • मानवता और मित्रता पर आधारित है किताब

जब भी आप एक राइटर या कहें लेखक के बारे में सोचते हैं तो आपके दिमाग में जो छवि उभरती है, वो किसी गंभीर व्यक्ति या किसी व्यस्क की होती है. लेकिन क्या आपके दिमाग में कभी भी लेखक का नाम सुनकर एक छोटी बच्ची का ख्याल आता है. शायद नहीं, लेकिन आपको बता दें कि गाजियाबाद में रहने वाली एक मासूम ने इतिहास रचा है. महज साढ़े 4 साल की उम्र में इस छोटी बच्ची ने एक किताब  'द लायन एंड द बोन' लिखी है.

प्राविका ने कर दिया कमाल
इस बुक के लिए बच्ची को वर्ल्ड बुक ऑफ टैलेंट रिकॉर्ड 2022 में द यंगेस्ट ऑथर ऑफ द वर्ल्ड के खिताब से सम्मानित किया गया है. इस बच्ची का नाम प्राविका है, और इस किताब से सम्मानित किए जाने वाली पहली भारतीय हैं. प्राविका की माँ प्रज्ञा प्रांजली ने बताया की प्राविका वसुंधरा सेक्टर छह स्थित अमेठी इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा केजी की पढ़ाई करती हैं. 

1 साल में लिखी किताब
प्राविका को पढ़ाई के साथ-साथ पेंटिंग जैसी चीजें तेजी से समझ जाती है. प्राविका की मां ने बताया कि किताब लिखने में करीब 1 साल का समय लगा. किताब की नामांकन प्रक्रिया काफी कठिनाई से पूरी हुई. किताब में कहानी सही प्रकार से बन सके इसके लिए तिलक तनवर जो खुद एक गिनीज खिताब विजेता हैं और आरजे आरती और राशि ने भी इनकी मदद की. साथ ही स्कूल की शिक्षिका गरिमा सक्सेना और आशा झुनझुनवाला ने भी काफी सहयोग किया. उन्होंने प्राविका को जॉली फोनिक्स के जरिए पढ़ना और लिखना सिखाया जिसके बाद प्राविका ने पूरी किताब खुद लिख डाली.

मानवता और मित्रता पर आधारित है किताब
किताब का हर एक शब्द और चित्रकारी प्राविका ने खुद की है. यह किताब मानवता और मित्रता जैसी सद्भावना पर आधारित है. वर्ल्ड बुक ऑफ टैलेंट 2022 ने पिछले 3 साल में बच्चों द्वारा लिखी गई पुस्तकों और कहानियों का अवलोकन किया, फिर इसकी पुस्तक के अन्य सभी विवरण को जांचने के बाद प्राविका को खिताब से सम्मानित किया है.