जोमैटो (Zomato) को 24 घंटे से भी कम समय के अंदर डिलीवरी बॉयज की ड्रेस को लेकर अपना एक फैसला वापस लेना पड़ा. कंपनी ने अपने वेज कस्टमर्स के लिए एक खास सर्विस की घोषणा की थी.दरअसल 19 मार्च को जोमैटो ने फैसला किया था कि वेज डिलीवरी करने वाले डिलीवरी बॉयज हरे रंग की ड्रेस पहनेंगे. लेकिन जोमैटो के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी देते हुए फैसले को वापस लिया.
ऐप पर दिखाई देगा
जोमैटो के फाउंडर और सीईओ दीपिंदर गोयल के अनुसार कंपनी वेजिटेरियन्स के लिए एक अलग फ्लीट (अलग डिलीवरी बॉयज) जारी रखेगी, लेकिन इस फ्लीट में हरे रंग का उपयोग नहीं किया जाएगा. कंपनी ने ऐसा भेदभाव को खत्म करने के लिए किया है. कंपनी के सभी राइडर्स लाल ड्रेस ही पहनेंगे.कंपनी ने फैसला वापस लेते हुए कहा कि हम शाकाहारियों के लिए फ्लीट जारी रखेंगे, लेकिन इसके लिए ग्रीन डब्बे और डिलीवरी पार्टनर की ग्रीन टी-शर्ट वाले फैसले को वापस लिया जा रहा है.हमारे सभी राइडर लाल टी शर्ट ही पहनेंगे. ताकि शाकाहारी और मांसाहारी खाने की पहचान अलग से न हो लेकिन ऐप पर आपको दिखाई देगा कि आपका वेज ऑर्डर केवल वेजिटेरियन फ्लीट ही लेकर आ रही है.
क्यों लिया गया फैसला
उन्होंने कहा कि अगर लाल ड्रेस नॉन-वेज के लिए तय होती है तो किसी विशेष दिन के दौरान किसी आरडब्ल्यूए या सोसायटी द्वारा उन्हें रोका जा सकता है या फिर कुछ ग्राहकों को अपने मकान मालिकों से दिक्कत हो सकती है. अगर हमारी वजह से ऐसा होता है तो यह अच्छा नहीं है.
लोगों ने किया विरोध
CEO दीपिंदर गोयल ने कहा कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा शाकाहारी लोग भारत में हैं. फीडबैक के आधार पर ये सर्विस शुरू की गई थी.कंपनी ने यह भी कहा था कि अगर खराब रेस्पांस आता है तो वो अपना फैसला जल्द वापस करेंगे और हुआ भी वही लोगों ने इस सर्विस का यह कहकर विरोध किया कि हमें अपनी सोसाइटी को नहीं बताना कि आज हम वेज खा रहे हैं या नॉन वेज. एक अन्य यूजर ने कहा- ऐसे तो फिर आपको उन लोगों के लिए भी फ्लीट चलानी चाहिए जो प्याज लहसुन नहीं खाते. लोगों ने इस सर्विस को स्वीकार नहीं किया और लोग भड़क उठे जिसके बाद तुरंत इस फैसले को बदलने का फैसला लिया गया.