अक्षय तृतीया के पवित्र अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं, इसी के साथ चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है. पंडित संजय शर्मा के अनुसार, "अक्षय तृतीया का अर्थ ही होता है अक्षय, जिसका कभी भी क्षय ना हो." इस अवसर पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है और इस वर्ष पिछले साल की तुलना में 10 लाख अधिक तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है.