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Chaitra Navratri 2025: Ashtami और Navmi की तिथि कब, क्या भोग लगाएं, पूजन विधि क्या है, महाप्रयोग क्या है? जानिए सबकुछ

नवरात्र सिर्फ व्रत और उपवास का पर्व नहीं है यह नारी शक्ति के और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है. इसलिए नवरात्र में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा भी है. यही कारण है अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन जरूर किया जाता है माना जाता है कि कन्या के पूजन से सुख-समृद्धि के साथ-साथ धन और ऐश्वर्य की भी प्राप्ति होती है. साथ ही कुंडली में ग्रहों की शांति भी होती है. कहते हैं दुर्गाष्टमी के दिन गौरी मां की उपासना और ध्यान करने से सर्वकल्याण होता है. माँ गौरी महिमा और महत्व मां दुर्गा की आठवीं शक्ति देवी महागौरी है. मां गौरी का ये रूप बेहद सरस, और मोहक है. देवी महागौरी का अत्यंत गौर वर्ण हैं इनके वस्त्र और आभूषण आदि भी सफेद ही हैं. इनकी चार भुजाएं हैं. महागौरी का वाहन बैल है. देवी के दाहिने ओर के ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है. बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा हैय इनका स्वभाव अति शांत है.