उत्तराखंड के वन विभाग के मुताबिक कई गांव इसको लेकर कैंपेन भी चलाया गया. जिसमें 1 लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों ने भागीदारी की है. जागरूकता के लिए गांवों में 5 हजार से ज्यादा कार्यक्रम किए हैं. ग्रामीणों को शीतलाखेत मॉडल के बारे में जानकारी के लिए एक अभियान चलाया गया. जिसमें 1170 ग्रामीणों ने और फॉरेस्ट फायर के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. ऑपरेशन दिव्य के तहत लोगों को आग रोकने और बुझाने के तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही. ये अभियान 26 मार्च से शुरू किया गया है. जंगल की आग रोकने और उस पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और Forest Fire Uttarakhand Mobile App लॉन्च किया गया है. साथ ही लोगों से जंगल में आग लगने पर हेल्पलाइन नंबर 1926 पर कॉल कर जानकारी देने के लिए कहा गया है. अब सैटेलाइट की मदद से भी जंगल की आग पर नजर रखी जा रही है. इन सबके अलावा जंगलों में आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र बनाए जा रहे हैं. 4 नए वेदर मॉडल स्टेशन लगाए गए हैं. जो आग लगने की संभावना का अनुमान लगाने में मदद करेंगे.