लहसुन (Garlic) पर चल रही बहस आज की नहीं है बल्कि साल 2015 की है. दरअसल, साल 2015 में कुछ किसान संगठनों के अनुरोध को देखते हुए लहसुन को सब्जी की कैटगरी में डाल दिया गया था. लेकिन बाद में कृषि विभाग (Agriculture Department) ने इस आदेश को रद्द करते हुए, लहसुन को फिर से मसाले का दर्जा दे दिया था. अब 9 साल बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर बेंच (Indore Bench) ने इस पर अपना फैसला सुनाया है.