अब बात भारत के टैंक किलर की...जो आधुनिक युद्ध में पहले से नतीजों को भी बदलकर रख दे. पहली बार भारतीय सेना ने एफपीवी ड्रोन का एंटी टैंक म्यूनिशन के साथ सफल परीक्षण किया है. स्वदेशी रूप से विकसित ड्रोन दुश्मनों के टैंकों और दूसरे बख्तरबंद वाहनों को निशाना बनाने में सक्षम है. आज के समय में ड्रोन गेमचेंजर साबित हो रहे हैं. ऐसे में पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में एफपीवी ड्रोन काफी सस्ते, सटीक और घातक साबित हो रहे हैं. इनसे ना सिर्फ विदेशी हथियारों पर आत्मनिर्भरता कम होगी. बल्कि रक्षा खरीद पर होने वाली अरबों डॉलर की भी बचत होगी. जिसका इस्तेमाल दूसरी रक्षा जरूरतों के लिए किया जा सकता है.