महाराष्ट्र की प्रीतिशा साहा ने नो कास्ट नो रिलिजन सर्टिफिकेट के लिए एप्लीकेशन दी है. मतलब प्रीतिशा अपनी जाति और धर्म को अपनी पहचान का हिस्सा बनाना नहीं चाहती हैं. प्रीतिशा का कहना है कि धर्म और जाति के नाम पर देश में बहुत नफरत फैल चुकी है. यह बाबा साहब अंबेडकर का सपना था कि लोग अपने धर्म और जाति से परे सोचना शुरू करें. इसलिए मैंने यह कदम उठाया है ताकि लोग एक दूसरे को उसकी जाति और धर्म के हिसाब से नहीं बल्कि सिर्फ इंसानियत की नजर से देखें.
Pritisha Saha of Maharashtra has given application for No Caste No Religion Certificate. Means Pritisha does not want to make her caste and religion a part of her identity. Pritisha says that a lot of hatred has spread in the country in the name of religion and caste.