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Dol Jatra: ओडिशा की डोल जात्रा का अनोखा रिवाज, हर घर के सामने लगाया जाता है देवता को भोग

उत्सव, त्योहार और रीति-रिवाज़ हमारे देश की रौनक हैं. यहां की समृद्ध पहचान हैं, वो चाहे फिर ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत ही हो. जो यहां के संगीत, नृत्य, त्योहारों, वास्तुकला. यहां तक कि अनूठी परंपराओं में अकसर दिखती रही है. ओडिशा के पीपली की ये तस्वीर भी उसी की एक बानगी है. पुरी जिले के इस गांव में आज भी अपनी कई परंपराओं. अनोखे रिवाज़ों को निभाया जाता है. इन्हीं में से एक है डोल जात्रा.

Celebrations, festivals and customs are the beauty of our country. It has a rich identity, be it the cultural heritage of Odisha. The music, dance, festivals, architecture here. Even in unique traditions it has been seen often. This picture of Peepli of Odisha is also a hallmark of the same. Even today this village of Puri district has many of its traditions. Unique rituals are followed. One of these is Dol Jatra.