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पैरेंट्स क्यों बन जाते हैं किलर और ऑनर किलिंग से कैसे रहें सतर्क... जानिए मनोचिकित्सक नम्रता ओहरी से

आज की ये खबर हम सब की जिंदगी से जुड़ी हुई है. ‘ऑनर किलिंग’ समाज के लिए आज भी अभिशाप है. ऑनर किलिंग में शामिल व्यक्ति में ये भी देखा गया है कि अपराधी का आत्मविश्वास बुलंदी पर होता है. उसे कोई गिल्ट या तकलीफ महसूस नहीं होती. कभी-कभार तो वो हत्या के बाद विजेता के भाव लिए थाने भी पहुंच जाता है. ऐसा ही एक मामला मुंबई से सामने आया है. जहां एक मां ने झूठी शान की खातिर अपनी ही बेटी को मार डाला. लेकिन मनोवैज्ञानिक ऑनर किलिंग के पीछे ‘स्टेटस एंग्जायटी’ को जिम्मेदार बताते हैं. लिहाजा समाज में होने वाली ऑनर किलिंग से खुद सतर्क हो जाएं और दूसरों को भी सावधान करने के लिए हॉर्न बजाएं.

Today's news is related to the lives of all of us. ‘Honour killing’ is still a curse for the society. It has also been seen in the person involved in honor killing that the criminal's self-confidence is at a high level. He does not feel any guilt or pain.