पिता जी :- रिजल्ट कैसा रहा तुम्हरा…
बेटा :- मास्टर साहब कह रहे थे एक साल
और लग जायेगा तुम्हे इस क्लास मे…
पिता जी :- बेटा चाहे दो – तीन साल लग
जाये लेकिन फेल ना होना.
पापा : बेटा अपना रिजल्ट दिखा।
बेटा : नहीं दिखाऊंगा
पापा : क्यों ?
बेटा : क्योंकि गोपनीयता एक मौलिक अधिकार है.
बाप ने बेटे की तलाशी ली,
सिगरेट और गर्ल्स के नंबर निकले,
बाप ने बहुत मारा,
और पूछा कब से चल रहा है ये
बेटा (रोते हुए)- पापा ये जैकेट तो आपकी है.
पिता (बेटे से) – परीक्षा निकट है, तुमको रात-दिन पढ़ना चाहिए.
बेटा (पिता से) – जी, रात को तो मैं सोता हूं.
पिता – जागा करो.
बेटा – पर आप तो कहते हैं कि रात को उल्लू जागा करते हैं.
पिता- बेटा शादी की उम्र हो गई है,
कोई लड़की पसन्द होतो बता दो
बेटा – ये क्या मजाक है??
मै खुद आपके भरोसे बैठा हूं.
पिता ने अपने पुत्र से कहा- बेटा, समझदार लोग
बेवकूफों के सवालों का जवाब नहीं दिया करते.
पुत्र- इसलिए पापा,
मैंने एग्जाम का पेपर पढ़ा और हंसकर घर चला आया.