मास्टरजी:- बच्चों.. गुरुत्वाकर्षण किसे कहते?
समझाओ....
पिंटू:- स्कूल-कॉलेज में हर एक को कोई
ना कोई महिला गुरु के प्रति आकर्षण
हो ही जाता है बस...
इसे गुरुत्वाकर्षण कहते हैं.
मास्टरजी:- नालायक... निकल बाहर...
टीचर – दुर्भाग्य और दुर्दशा में क्या फर्क है?
बच्चा – सर अगर इस स्कूल में आग लग जाए तो...
तो स्कूल की हालत खराब हो जाएगी
इसे कहते है – “दुर्दशा”
और इतनी आग लगने पर भी
आप जिन्दा बच गए तो
ये होगा हमारा “दुर्भाग्य”
टीचर बेहोश....
अध्यापिका पप्पू से: तुम इतने परेशान क्यों हो?
पप्पू ने कोई जवाब नहीं दिया.
अध्यापिका: क्या हुआ, क्या तुम अपना पेन भूल आये हो?
पप्पू फिर चुप.
अध्यापिका ने फिर से सवाल किया: रोल नंबर भूल गए हो?
पप्पू इस बार भी चुप.
अध्यापिका फिर से: हुआ क्या है, कुछ तो बताओ क्या भूल गए?
पप्पू गुस्से से: ओये! चुप कर मेरी मां,
यहां मैं नक़ल करने की पर्ची गलत ले आया हूं
और तुझे पेन-पेंसिल और रोल नंबर की पड़ी हुई है.
अध्यापिका बेहोश!
साइंस की टीचर क्लास में पढ़ा रही थी,
टीचर ने पप्पू से कहा – तू बता जिन्दा
रहने के लिए क्या-क्या चीजें जरूरी हैं.
पप्पू – नहीं पता मैडम
टीचर – अरे जो आता है वही बता
पप्पू – जिन्दा रहने के लिए तेरी कसम
एक मुलाकात जरूरी है सनम...
एग्जाम का रिजल्ट आने पर टीचर
ने चिंटू-पिंटू को अपने पास बुलाया
और कहा: तुम दोनों का जवाब हूबहू
एक जैसा कैसे?
चिंटू: टीचर, सवाल भी तो एक-सा ही था.