बेंगलुरु बेस्ड सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड की खबर हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं उनके समस्तीपुर स्थित पैतृक घर पूसा वैनी में मातम का माहौल है. हर कोई इस घटना से स्तब्ध नजर आ रहा है. मृतक अतुल के द्वारा लिखा गया 24 पन्ने का सुसाइड नोट और सुसाइड से पहले बनाया गया वीडियो झकझोर कर देने वाला है.
अतुल के चचेरे भाई बजरंग अग्रवाल ने इस पूरे प्रकरण पर आजतक से बातचीत में कहा कि मृतक अतुल सुभाष की शादी 2019 में मेट्रोमोनियल साइट के जरिए शादी हुई थी. उसके ठीक एक साल के बाद दोनों पति पत्नी के बीच विवाद शुरू हो गया था. इस बीच अतुल के ससुर का निधन हो गया था. अतुल ने अपनी सास को मकान खरीदने के लिए 15 से 17 लाख रुपया लौटाने के नाम पर लिया गया था लेकिन रुपया शायद नहीं लौटाया गया. इसके बाद से ही दहेज उत्पीड़न के केस के साथ अलग अलग केस अतुल सुभाष के ऊपर किया गया.
इस बीच निकिता अतुल से अलग रहने लगी और बच्चे से नहीं मिलने देती थी जबकि 40 हजार रुपया अतुल अपने बच्चे के परवरिश के लिए दिया करता था. पति पत्नी के विवाद को लेकर एक पंचायती भी हुई जिसमें ये तय हुआ था कि शादी में हुए 22 लाख रुपए खर्च दे दे तो निकिता अलग होने के लिए तैयार थी लेकिन बाद में बात नहीं बनी और मामला कोर्ट में चलता रहा. आखिर में अतुल ने 24 पन्ने का सुसाइड नोट लिख कर और वीडियो बनाकर खुद के जीवन लीला को ही समाप्त कर लिया.
चचेरे भाई ने बताई पिता के संघर्ष की कहानी
अतुल के पिता मूल रूप से मध्य प्रदेश के विलासपुर के रहने वाले हैं. अतुल के पिता पवन मोदी जब 6 माह के थे तब उनके माता-पिता का देहांत हो गया था. तब बजरंग अग्रवाल के परिजनों उन्हें समस्तीपुर जिले के पूसा वैनी ले आए थे. इनकी 6 बहनों की शादी पूसा वैनी में ही सब रिश्तेदारों ने मिलकर की थी. बाद में अतुल के पिता को उसकी बड़ी बहन बंगाल लेकर चली गई थी. फिर पवन मोदी समस्तीपुर के पूसा वैनी आए और यहां चाचा के कपड़े के दुकान में काम करने के बाद लोगों उन्हें एक दुकान खुलवा दिया. फिर अतुल के पिता की शादी हुई और दो बच्चे हुए जिसमें बड़ा भाई अतुल सुभाष और छोटा विकास मोदी है.
अतुल बचपन से पढ़ने में तेज था
अतुल सुभाष बचपन से ही मेघावी छात्र थे. उनकी 12th तक की पढ़ाई समस्तीपुर में ही हुई थी. पढ़ने में तेज होने की वजह से पिता ने उसे बाहर पढ़ने के लिए भेज दिया था, उसके बाद ही वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर बेंगलुरु में जॉब करने लगा था. अतुल के चचेरे भाई बजरंग प्रसाद अग्रवाल और एक ही स्कूल में पढ़ने वाले संत सुमन ने बताया कि अतुल बचपन से पढ़ने में काफी तेज था. संत ने बताया कि स्वभाव से काफी अच्छे थे किसी से कभी झगड़ा तक नहीं हुआ. इस तरह की घटना सुनने के बाद थोड़ा बुरा लग रहा है. उसको इंसाफ मिलना चाहिए.
मेट्रोमोनियल साइट के जरिए शादी हुई
मेट्रोमोनियल साइट पर शादी के लिए अतुल की डिटेल डाली हुई थी उसी साइट पर जौनपुर की रहने वाली निकिता का भी प्रोफाइल मैच हुआ. दोनों परिवार के लोगों को रिश्ता पसंद आया और 2019 में शादी तय हो गई. समस्तीपुर जिले के पूसा वैनी से बारात बनारस के होटल में गया था जहां पूरे विधि विधान के साथ अतुल और निकिता की शादी हुई थी. शादी के बाद कुछ दिनों तक पूसा में रहने के बाद दोनों बेंगलुरु चले गए थे. क्योंकि अतुल और निकिता दोनों ही बेंगलुरु में ही जॉब करते थे.
शादी के एक साल बाद ही पति पत्नी के बीच विवाद बढ़ गया और नतीजा केस मुकदमे तक पहुंच गया. परिजनों ने बताया कि अतुल को परेशान करने के लिए निकिता ने जानबूझकर बेंगलुरु में केस दर्ज नहीं कराकर जौनपुर में कराया. इतना ही नही एक साल में 40 डेट केस में हाजिर होने के लिए दिया गया. कोर्ट से इतना नजदीक नजदीक डेट दिया जाता था कि अतुल को छुट्टी लगाकर फ्लाइट से जौनपुर जाना पड़ता था. बजरंग अग्रवाल ने बताया कि अतुल बच्चे के परवरिश के लिए 40 हजार रुपया हर महीने दिया करता था लेकिन उसे बच्चे से नहीं मिलने दिया जाता था. इन्ही सब की वजह से आज अतुल इतना बड़ा कदम उठाते हुए सुसाइड करने पर मजबूर हो गया. उसे इंसाफ मिले हम लोग यही चाहते हैं.