फेसबुक (Facebook) की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) ने एक झटके में 11 हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. ये कपंनी के कार्यबल का करीब 13 प्रतिशत है. सबसे ज्यादा कर्माचारी रिक्रूटिंग और बिजनेस टीम से निकाले गए हैं. कंपनी ने फिलहाल नई नियुक्तियों पर भी रोक लगा दी है. मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने इस छंटनी के लिए प्रभावित कर्मचारियों से माफी भी मांगी है.
मार्क जकरबर्ग ने ली जिम्मेदारी
मार्क जकरबर्ग ने कहा, "मैंने अपनी टीम के आकार को लगभग 13% कम करने और हमारे 11,000 से अधिक प्रतिभाशाली कर्मचारियों को कंपनी से बाहर करने का फैसला लिया है. मैं इन फैसलों की और हम यहां तक कैसे पहुंचे, इनकी जवाबदेही लेना चाहता हूं. हम खर्च में कटौती करके और Q1 के माध्यम से अपने हायरिंग फ्रीज को बढ़ाकर एक बेहतर कंपनी बनने की कोशिश कर रहे हैं.''
चार महीने की सैलरी दी जाएगी
निकाले एम्प्लॉइज चार महीने सैलरी दी जाएगी. इसके अलावा कर्मचारियों को छह महीने के लिए कुछ हेल्थ बैनिफिट्स मिलेंगे. सितंबर 2022 के अंत तक मेटा में 87,314 कर्मचारी थे. मेटा वर्तमान में वॉटेसऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक सहित दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मालिक है. 2004 में स्थापना के बाद से फेसबुक में हुई ये सबसे बड़ी छंटनी है. कंपनी के रेवेन्यू और खराब तिमाही नतीजों के चलते ये फैसला लिया गया है.
ट्विटर ने भी की थी छंटनी
Twitter का अधिग्रहण करते ही एलन मस्क ने भारतीय मूल के सीईओ पराग अग्रवाल समेत तीन शीर्ष अधिकारियों को नौकरी से निकाला. अब तक ट्विटर से करीब 3700 कर्माचारियों को निकाला जा चुका है.