लखीमपुर खीरी कांड पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बार कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. सिद्धु मृतक पत्रकार के घर पर अनशन पर बैठ गए हैं और सिर्फ लिखकर बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक काग्रेंस का संघर्ष जारी रहेगा. इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा ने भी लखीमपुर खीरी मामले पर ट्वीट किया था और यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मंत्री जी और उनके बेटे को जब तक गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई यूपी सरकार की क्लास
इधर लखीमपुर केस में सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो गया है. कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने ये सवाल किया कि धारा 302 का केस दर्ज होने के बाद भी अब तक गिरफ्तारी में देरी क्यों हो रही है? मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी. कोर्ट की फटकार के बाद यूपी सरकार ने कोर्ट से कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने को हर संभव कदम उठा रही है.
क्या है पूरा मामला
लखीमपुर खीरी में बीजेपी नेता आशीष मिश्रा के काफिले की गाड़ियों ने कथित तौर पर प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर गाड़ियां चढ़ा दी थी जिसमें 3 किसानों और एक टीवी पत्रकार की मौत हो गई थी. उसके बाद गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर समेत 4 बीजेपी कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
लखीमपुर हिंसा मामले में शुरू की गई हेल्पलाइन
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर लगातार कई वीडियो सामने आए. सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं. इसको देखते हुए लखीमपुर पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. पुलिस ने लोगों से हिंसा से जुड़े वीडियो भेजने की अपील की है. लखीमपुर पुलिस की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर 9454403800 में कोई भी व्यक्ति हिंसा से जुड़े वीडियो भेज सकते हैं. वीडियो भेजने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी. Email id- spkhi-up@nic.in पर भी जानकारी मांगी गई है.
पलिया विधायक ने मामले पर अपना बयान दिया और बेटे की वकालत की
पलिया विधायक रूमी साहनी ने मामले पर अपना बयान दिया और कहा कि जांच होगी तब पता चलेगा. आशीष कहीं नहीं भागा है. मीडिया को सही चीज दिखानी चाहिए. आशीष थार में नही थे. वह फरार नहीं हैं.