राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी के अवसर पर रेशमबाग मैदान में रैली को संबोधित करते हुए कई गहन मुद्दों पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने ओटीटी, बिटकॉइन, आतंकवाद और कश्मीर जैसे मुद्दों पर चर्चा की, इसके साथ ही उन्होंने देश भर में नशीले पदार्थों के इस्तेमाल में वृद्धि पर भी चिंता व्यक्त है. उनका कहना है कि इस तरह के व्यवसायों के आने वाले पैसे का इस्तेमाल "राष्ट्र विरोधी" गतिविधियों के लिए किया जा रहा है.
सेनाओं को सतर्क रहने कि दी सलाह
भागवत ने अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण की पृष्ठभूमि के खिलाफ देश को हर समय सैन्य रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं पर सुरक्षा को मजबूत करना बहुत जरूरी है. साथ ही देश को सावधान रहने और "सभी संभावनाओं के लिए तैयार" रहने की भी जरूरत है. हमें तालिबान से सावधान और सतर्क रहने कि जरूरत है.
कश्मीर पर भी बोले भागवत
भागवत ने कहा कि अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद, लोगों के मन से भय या आतंकवादियों को भगा दिया गया था. हालांकि, आतंकवादियों ने फिर से नागरिकों की 'लक्षित हत्याएं' शुरू कर दी हैं. उन्होंने कहा कि सीमाओं पर सैन्य तैयारियों को बढ़ाने की जरूरत है. अक्टूबर के पहले 10 दिनों में जम्मू-कश्मीर में कई नागरिक मारे गए. 12 अक्टूबर को, जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के सुरनकोट इलाके में डेरा की गली में एक मुठभेड़ में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) सहित सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे. 19 अगस्त को राजौरी जिले के थानामंडी में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक और जेसीओ मारा गया था. भागवत ने कहा कि सामाजिक चेतना अभी भी जाति-आधारित भावनाओं की ओर झुकी हुई है और आरएसएस इसे संबोधित करने के लिए काम कर रहा है.
मन का ब्रेक, उत्तम ब्रेक
भागवत ने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि सरकार जल्द से जल्द नशीली दवाओं के खतरे से देश को बचाए. इसके साथ ही भागवत ने ये भी कहा कि इन नशीली दवीओं के सेवन करने की इच्छा को आत्मनियंत्रण से कम किया जा सकता है. इसके लिए "मन का ब्रेक, उत्तम ब्रेक" है. उन्होंने कहा कि यह युवा पीढ़ी पर है निर्भर करता है कि वह इसके लिए खुद को तैयार करें. हालांकि, दूसरों के सामने क्या स्वीकार या मना करना चाहिए, यह सब घर पर सिखाया जाना चाहिए.' भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि, 'देश भर में विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थों की खपत बढ़ रही है. इस पर कैसे अंकुश लगाया जाना चाहिए, हम नहीं जानते. हालांकि, हम यह जानते हैं कि इस व्यवसाय से उत्पन्न राजस्व किसे मिलता इस धन का उपयोग भारत के विरोध के लिए किया जाता है. इन गतिविधियों को सीमा पार बैठे लोगों द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है.'
बिटकॉइन पर भी बोले भागवत
आरएसएस प्रमुख ने बिटकॉइन को "गुप्त और अनियंत्रित मुद्रा" करार दिया है. उन्होंने कहा कि ये बिटकॉइन जैसी गुप्त और अनियंत्रित मुद्रा में सभी देशों की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने और गंभीर समस्याएं पैदा करने की क्षमता है."
ओटीटी पर साधा निशाना
ओटीटी प्लेटफार्म पर निशाना साधते हुए कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों पर जो दिखाया जाता है उस पर कोई नियंत्रण नहीं है. सभी प्रकार की तस्वीरें दिखाई जाती हैं लेकिन इसे कैसे नियंत्रित किया जाए? कोरोनावायरस के बाद अब बच्चों के पास भी मोबाइल फोन हैं. कौन जानता है कि वे इस पर क्या देखते हैं?
नई जनसंख्या नीति की भी उठाई मांग
जनसंख्या असंतुलन निकट भविष्य में एक बड़ी चुनौती पैदा कर सकता है, भागवत ने सरकार से देश की जनसंख्या नीति और इसकी बढ़ती जनसंख्या पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा की देश के विकास के लिए जनसंख्या नीति पर फिर से विचार किया जाना चाहिए और इसे अगले 50 वर्षों में कुशलतापूर्वक लागू किया जाना चाहिए.