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देश में बच्चों में बढ़ रहा मोटापा, महिलाएं और पुरुष भी हो रहे बढ़ते वजन के शिकार

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के ताजा सर्वे के अनुसार, न केवल बच्चों बल्कि महिलाओं और पुरुषों में भी मोटापा बढ़ा है. मोटापे की शिकार महिलाओं की संख्या 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गयी है.

बच्चों में बढ़ रहा मोटापा बच्चों में बढ़ रहा मोटापा
हाइलाइट्स
  • देश में पांच साल की उम्र तक के बच्चों में बढ़ा मोटापा.

  • सर्वे के मुताबिक महिलाओं और पुरुषों में भी बढ़ा मोटापा.

भारत में  पांच साल की उम्र तक के बच्चों में मोटापा बढ़ा है. ये जानकारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के नए आंकड़ों में सामने आयी है. जिसके अनुसार, पांच साल की उम्र तक के बच्चों में मोटापा बढ़ा है, साथ ही 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मोटे बच्चों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है.  2015-16 में हुए सर्वे के मुकाबले इस बार मोटापे से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़कर 3.4 प्रतिशत हो गयी है. 

विशेषज्ञों ने मोटापा बढ़ने के लिए शारीरिक गतिविधियां कम होना और अनहेल्दी खाने को जिम्मेदार बताया है. NFHS-4 में 2.1 प्रतिशत के मुकाबले मोटापे से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़कर NFHS-5 में 3.4 प्रतिशत हो गयी है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के ताजा सर्वे के अनुसार, न केवल बच्चों बल्कि महिलाओं और पुरुषों में भी मोटापा बढ़ा है. मोटापे की शिकार महिलाओं की संख्या 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गयी है जबकि पुरुषों में यह संख्या 18.9 प्रतिशत से बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो गयी है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र, गुजरात, मिजोरम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और लद्दाख समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पांच साल तक की उम्र के बच्चों में मोटापे में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है जबकि 2015 और 2016 के बीच किए गए सर्वे में यह संख्या कम थी. 

महिलाओं और पुरुषों में भी बढ़ा मोटापा 

इसके विपरीत गोवा, तमिलनाडु, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में पांच साल तक के बच्चों में मोटापे में कमी दर्ज की गयी है. सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं में मोटापा बढ़ा है जबकि 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुरुषों में मोटापा बढ़ा है. उल्लेखनीय है कि उन पुरुषों-महिलाओं को मोटा माना जाता है जिनका ‘‘बॉडी मास इंडेक्स’’ 25.0  kg/m2 से ज्यादा या उसके बराबर होता है जबकि बच्चों में मोटापा लंबाई के अनुपात में वजन के आधार पर मापा जाता है. 

खराब जीवन शैली और खानपान है वजह 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मोटापा बढ़ने के लिए अनहेल्दी फूड और कम शारीरिक गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया है. पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुतरेजा का कहना है कि भारतीय महिलाओं, पुरुषों और बच्चों में पिछले 15 सालों में मोटापा बढ़ने के पीछे की वजह बढ़ती आय, खान-पान की खराब आदतें और खराब जीवन शैली है. कम संपत्ति वाले परिवारों में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त महिलाओं का अनुपात छह प्रतिशत वहीं संपन्न परिवारों में ये अनुपात 36 प्रतिशत था. 

पूनम मुतरेजा ने कहा, "हालांकि, बढ़ती आय को दोष देना उचित नहीं है. बहुत कुछ खराब खाने की आदतों से भी जुड़ा है. इन समस्याओं के अलावा, अधिकांश भारतीय स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने के महत्व को नहीं समझते हैं. वे गतिहीन जीवन व्यतीत करते हैं और सैर के लिए जाने सहित किसी भी तरह का व्यायाम करने के लिए उनमें प्रेरणा की कमी होती है. दुख की बात है कि माता-पिता बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर इनके प्रतिकूल परिणामों को नहीं समझते हैं."