कोयले की कथित तौर पर कमी ने पंजाब में बिजली उत्पादन की क्षमता को प्रभावित किया है. नतीजतन, तीन थर्मल पॉवर प्लांट्स को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. सूबे के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र से राज्य को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया है.
पंजाब में 5,620 मेगावाट की उत्पादन क्षमता है लेकिन राज्य के कई थर्मल प्लांट महज 2,800 मेगावाट ही पैदा कर पा रहे हैं. कोयले की कमी की वजह से पंजाब में लहरा मोहब्बत, रोपड़ (रूपनगर), राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल साहिब जैसे थर्मल प्लांट केवल 1 से 4 दिनों तक की ही बिजली पैदा कर सकते हैं.
पांच थर्मल पावर प्लांट पहले ही बंद हो चुके हैं. रोपड़ में 2 थर्मल प्लांट तकनीकी वजहों से बंद कर दिए गए हैं, वहीं तलवंती साबो में 2 और लहरा मोहब्बत में 1 थर्मल प्लांट कोयले की कमी की वजह से बंद है.
बिजली कटौती की वजह से भड़के लोग
पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को निजी फर्मों और पड़ोसी राज्यों से एक्सचेंज के आधार पर बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा है. पीएसपीसीएल के चेयरमैन ए वेणु प्रसाद के मुताबिक इस व्यवस्था की वजह से सरकार को अतिरिक्त पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.
कोयले की कमी की वजह से पीएसपीसीएल को तीन से छह घंटे तक बिजली कटौती करनी पड़ रही है. यही वजह है कि पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
अपनों के ही निशाने पर पंजाब कांग्रेस
आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने पर लोगों को 300 से 400 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा कर रहे हैं, वहीं चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार सूबे में अपने ही नेताओं के निशाने पर है. बिजली कटौती को लेकर लगातार कांग्रेसी नेता चन्नी सरकार को घेर रहे हैं.
नवजोत सिंह सद्धू भी हैं नाराज!
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट के जरिए कहा, 'पंजाब को पश्चाताप और मरम्मत की जगह बचाव और तैयार रहना चाहिए. निजी थर्मल प्लांट फ्लोटिंग दिशानिर्देश, घरेलू उपभोक्ताओं को 30 दिनों तक कोयला स्टॉक नहीं रखने पर दंडित किया जाना चाहिए. यह सौर ऊर्जा और सोलर ग्रिड पर काम करने का सही समय है.'
पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र से मांगी मदद
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र से मौजूदा बिजली संकट से निपटने के लिए राज्य की कोयला आपूर्ति को तुरंत बढ़ाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि पंजाब में कोयले का स्टॉक कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा.
राज्य में कोयले की कमी के बीच बिजली की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि अपर्याप्त कोयला मिलने की वजह से थर्मल प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली नहीं पैदा कर पा रहे हैं. सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि शहरों और गांवों में घरेलू उपभोक्ता बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. कृषि क्षेत्र में ग्रिड डिसिप्लीन को दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है.