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Starlink Device: मणिपुर में मिला स्टारलिंक जैसा डिवाइस, सुरक्षा एजेंसियां हैरान, स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं

मणिपुर में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने घुसपैठियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. तलाशी अभियान में सुरक्षा एजेंसियों को भारी मात्रा में हथियार मिले हैं. इसमें एलन मस्क की स्पेस-एक्स के स्टारलिंक जैसा डिवाइस भी मिला है. यह डिवाइस सैटेलाइट से इंटरनेट का इस्तेमाल करता है. आपको बता दें कि स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है.

Starlink-like device Starlink-like device

मणिपुर में सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किया है. इसमें एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स के स्टारलिंक जैसा इंटरनेट डिवाइस भी मिला है. इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. इस तरह के डिवाइसेस कई जिलों में मिले हैं. इसके साथ स्नाइपर राइफल, पिस्तौल, ग्रेनेड और दूसरे हथियार भी बरामद हुए हैं.

स्टारलिंक जैसा डिवाइस मिला-
13 दिसंबर को मणिपुर में तलाशी अभियान में स्टारलिंक जैसा डिवाइस मिला है. जिससे सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई है. सुरक्षा एजेंसियों के सामने ये पता लगाने की बड़ी चुनौती है कि स्टारलिंक जैसा डिवाइस संघर्षग्रस्त इलाके में कैसे पहुंचा? हालांकि अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि यह डिवाइस असली है या नकली है. 

स्टारलिंक को भारत में नहीं है लाइसेंस-
एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स का स्टारलिंक सैटेलाइट ग्रुप है, जो दुनिया में कहीं भी ब्रॉडबैंड इंटरनेट उपलब्ध कराता है. इसके जरिए किसी भी रिमोट इलाके में इंटरनेट की सुविधा मिल सकती है. इसमें किसी तार या टॉवर की जरूरत नहीं होती है. इसमें सीधे सैटेलाइट से इंटरनेट मिलता है. आपको बता दें कि अब तक स्टारलिंक को भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं मिला है. ऐसे में ये डिवाइस मिलना चिंता का विषय है.

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एलन मस्क का जवाब-
मणिपुर में स्टारलिंक जैसा डिवाइस मिलने पर एलन मस्क का जवाब आया है. दरअसल इस घटना की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. ऐसे में एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि एलन मस्क इस पर गौर करेंगे और इस तकनीक के दुरुपयोग को कंट्रोल करने में मदद करेंगे. इसपर एलन मस्क ने जवाब दिया कि यह गलत है. भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं.

घुसपैठियों के हाथ लगना चिंता का विषय-
अगर ये डिवाइस घुसपैठियों के हाथ लगता है तो ये चिंता का विषय है. हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि जो डिवाइस बरामद हुई है, वो नकली है या असली. लेकिन इसके मिलने से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.

जो डिवाइस मिला है, उसमें रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (PRF) की मार्किंग है. इसका संबंध चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से बताया जाता है. यह मणिपुर में सबसे ज्यादा एक्टिव आतंकी ग्रुप है. सवाल उठता है कि घुसपैठियों के पास ये डिवाइस कहां से आया.

ये डिवाइस एंट-टू-एंट इनक्रिप्टेड होता है. इसे हैक करना मुश्किल होता है. बिना सेना, खुफिया एजेंसियों को पता चले घुसपैठिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. 

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