जम्मू-कश्मीर में अतंकियों का खौफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है. घाटी में आए दिन आतंकी किसी न किसी घटना को अंजाम दे रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में शनिवार को आतंकवादियों द्वारा किए गए दो हमलों में बिहार के स्ट्रीट हॉकर और उत्तर प्रदेश के एक मजदूर की मौत हो गई.
श्रीनगर में बिहार के हॉकर को मारी गोली
पहली घटना श्रीनगर के ईदगाह इलाके में शनिवार शाम करीब 6.40 बजे हुई जब संदिग्ध आतंकवादियों ने 36 वर्षीय अरविंद कुमार पर गोलियां चला दीं. यह वही इलाका है जहां इस महीने की शुरुआत में एक अन्य रेहड़ी-पटरी वाले वीरेंद्र पासवान को आतंकवादियों ने मार गिराया था. हमले के बाद कुमार को श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज (एसएमएचएस) ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अरविंद कुमार मूल रूप से बिहार के बांका के रहने वाले थे और श्रीनगर में रेहड़ी-पटरी का काम करते थे. कुमार के पिता ने संवाददाताओं से कहा कि वह तीन महीने पहले जीविका की तलाश में जम्मू-कश्मीर चले गए थे. इस बीच, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अरविंद के परिजनों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है.
आतंकियों ने यूपी के कारपेंटर को उतारा मौत के घाट
दूसरा हमला पुलवामा में हुआ जहां संदिग्ध आतंकवादियों ने सगीर अहमद नाम के एक व्यक्ति पर गोलियां चला दीं. अहमद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के निवासी थे, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बढ़ई के रूप में काम करते थे, अहमद हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए और स्थानीय अस्पताल में उनकी मौत हो गई. इतना ही नहीं आतंकियों ने पुलवामा के ही काकापोरा में सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर ग्रेनेड हमला भी किया. घटना से इलाके में सनसनी फैल गई. फिलहाल पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. बता दें कि आतंकियों ने 2 अक्टूबर से अब तक लगभग 8 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है.
हमले पर नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, "आज श्रीनगर में एक आतंकवादी हमले में रेहड़ी बेचने वाले अरविंद कुमार की हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. यह एक नागरिक को इस तरह निशाना बनाए जाने का एक और मामला है." उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अरविंद कुमार कमाई के अवसरों की तलाश में श्रीनगर आया था और यह निंदनीय है कि उसकी हत्या कर दी गई." जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में कहा, "एक निर्दोष नागरिक अपनी पत्नी और बच्चों के घर जा रहा था, अपना जीवन यापन करने के लिए सड़क पर रेहड़ी लगाता एक गैर स्थानीय, या फिर में पुंछ में एक सैनिक, किसी को भी मरना नहीं चाहिए था." पीडीपी नेता ने कहा कि ये एक आश्चर्य है कि भारत सरकार को यह महसूस कब होगा की उसकी नीतियां जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी विफलता रही हैं और किस कीमत पर." जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा के कार्यालय ने भी एक बयान जारी कर कहा कि वह आतंकवादियों द्वारा अरविंद कुमार शाह और सगीर अहमद की नृशंस हत्याओं की कड़ी निंदा करते हैं।
Strongly condemn today’s attack on a street vendor who sadly succumbed. Such unfortunate incidents only reinforce the immediate need to reach out to the people of J&K by initiating a constructive dialogue.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 16, 2021
An innocent civilian on his way home to his wife & kids,a non local street vendor eking out a living or troops in Poonch.None of these people deserved to die. One wonders what will it take for GOI to realise that its policies have been a monumental failure in J&K & at what cost?
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 16, 2021
बीते 11 दिनों में हुए 3 बड़े हमले
बीते 7 अक्टूबर को आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह इलाके में ही एक स्कूल में घुसकर दो शिक्षकों की हत्या कर दी. मरने वालों में प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चांद शामिल थे. ये दोनों ही श्रीनगर के अलोचीबाग के रहने वाले थे. आतंकियों ने दोनों के आईडी कार्ड चेक करने के बाद उन्हें गोली मारी थी. इससे पहले 5 अक्टूबर को आतंकियों ने एक फार्मासिस्ट और एक हॉकर को भी गोली मारी थी. मरने वालों की पहचान 68 वर्षीय माखनलाल बिंद्रू के रूप में हुई. बिंद्रू श्रीनगर के इकबाल पार्क क्षेत्र में एक फार्मासिस्ट था. आतंकियों ने बिंद्रू के मेडिकल स्टोर में घुस कर उन्हें गोली मारी थी. इस घटना के एक घंटे बाद आतंकियों ने अवंतीपोरा के हवला इलाके में बिहार के वीरेंद्र पासवान को मार डाला था. वीरेंद्र भेलपुरी और गोलगप्पे का ठेला लगाते थे. इस हादसे के कुछ मिनट बाद बांदीपोरा के मो. शफी लोन की गोली मारकर हत्या कर दी गई.