
राजस्थान भिवाड़ी में सिगड़ी जलाकर सो रहे तीन लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में पिता, पुत्र और बेटे का दोस्त शामिल है. तीनों लोग कमरे में सोए थे और सुबह मृत मिले. सुबह जब घर में कोई हलचल नहीं हुई. मृतक की महिला ने पड़ोसियों की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ा. तो कमरे में तीनों मृत पड़े हुए मिले. इस घटना ने सभी को हिला कर रख दिया. मामले की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतकों के शवों को अपने कब्जे में लिया और सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दी गई है.
सर्दी के कारण घर में जलाई सिगड़ी
भिवाड़ी में मूलरूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले धनंजय उम्र 50 साल अपने बेटे अंकित, तीन बेटियां और पत्नी के साथ मनीष कॉलोनी में रहते थे. सर्दी ज्यादा होने के कारण धनंजय ने अपने घर में सिगड़ी जला ली और कमरे में अपने बेटे अंकित के साथ सो गया. घर में अंकित का दोस्त अभिषेक भी आया हुआ था. वो भी उनके साथ वहीं कमरे में सो गया. अभिषेक बिहार में कैमूर जिले के भभुआ का रहने वाला था. सर्दी ज्यादा होने के कारण पहले तो तीनों सिगड़ी के पास बैठे रहे और उसके बाद वहीं पर बिस्तर लगाकर सो गए. धनंजय की पत्नी और तीनों बेटियां अभिषेक के घर जाकर सो गई थी.
गेट तोड़कर तीनों को बाहर निकाला गया
सुबह के समय जब पत्नी घर पहुंची और घर में कोई हलचल नहीं थी. उसने कमरे का गेट खटखटाया. लेकिन गेट नहीं खुला, रविवार की छुट्टी होने के कारण उसको लगा कि सभी लोग सो रहे हैं और वो अपने काम में लग गई. लेकिन दोपहर बाद भी जब धनंजय कमरे से बाहर नहीं आया. तो उसने शाम के समय आसपास के लोगों को इकट्ठा किया और कमरे की खिड़की पर लगे गत्तों को हटाकर देखा. कमरे के अंदर धनंजय, उसका बेटा अंकित और उसका दोस्त अभिषेक बेसुध अवस्था में पड़ा हुआ था. मामले की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची और कमरे का गेट तोड़कर तीनों को बाहर निकाला और सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया.
कार्बन मोनोऑक्साइड ऑक्सीजन खत्म कर देती हैं
वहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया. भिवाड़ी थाना इंचार्ज देवेंद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. अंगीठी के दुआ से दम घुटने के कारण तीनों की मौत हुई है. परिजनों की तरफ से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं गई दी गई है. डॉक्टर ने मृतकों के शव का पोस्टमार्टम किया और उसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द किए गए. सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि अंगीठी से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है. वो धीरे-धीरे ऑक्सीजन को खत्म कर देती है. जब मनुष्य के शरीर में ऑक्सीजन हीमोग्लोबिन से नहीं मिलती. तो वो धीरे-धीरे बेहोशी की स्थिति में पहुंच जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति को पता नहीं चल पाता कि वो कब बेहोश हुआ और धीरे-धीरे उसकी मौत हो जाती है. कमरे में कितनी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस मौजूद थी और तीनों की मौत किस समय हुई.
इस मामले की जांच एफएसएल टीम की तरफ से की जा रही है. पुलिस ने बताया कि धनंजय भिवाड़ी में एक कंपनी में काम करता था और अंकित दसवीं कक्षा का छात्र था. धनंजय की पत्नी और तीनों बेटियां भी उनके साथ रहते थे. अभिषेक अविवाहित था और वहां पर अकेला ही रहता था. सर्दी के कारण अभिषेक धनंजय के घर आ गया और वहीं पर सो गया था.
-हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट