पिछले कुछ सालों से तंदूरी चाय देश में काफी मशहूर हुई है. इस अनूठी चाय को बनाने का तरीका एकदम अलग है. दरअसल, सबसे पहले मिट्टी के बर्तन यानी कुल्हड़ को गरम तंदूर में भूना जाता है. फिर, अध-पकी हुई चाय को बेहद गर्म कुल्हड़ों में उबालने के लिए डाला जाता है, गर्म मिट्टी का बर्तन चाय को स्मॉकी स्वाद देता है. इसके बाद गरमा गरम चाय को एक और साफ कुल्हड़ में परोसा जाता है. (Photo: JustDial)
नून चाय, या शीर चाय, ज्यादातर विशिष्ट गुलाबी रंग के लिए जानी जाती है. इस चमकदार गुलाबी रंग के लिए इसे इलायची और बेकिंग सोडा के साथ चाय की पत्तियों को मिलाकर बनाया जाता है. इस चाय में आमतौर पर दूध और नमक होता है. आप बादाम, पिस्ता और दालचीनी भी डाल सकते हैं. (Photo: Instagram)
बटर टी, जिसे गुर गुर चाय के नाम से भी जाना जाता है, लद्दाख और सिक्किम में लोकप्रिय है. यह पारंपरिक रूप से चाय की पत्तियों, याक के दूध के मक्खन, पानी और नमक से बनाई जाती है. हिमालय के खानाबदोश एक दिन में 30 कप से अधिक बटर चाय पीने के लिए जाने जाते हैं. (Photo: Wikipedia)
ईरानी चाय मीठी, दूधिया और मलाईदार भारतीय चाय है, जिसे हैदराबादी दम चाय के नाम से भी जाना जाता है. इसे 19वीं शताब्दी में फारसी प्रवासियों ने भारतीय उपमहाद्वीप में पॉपुलर किया था. इस चाय को हरी इलायची और दालचीनी जैसे गर्म मसालों के साथ धीरे-धीरे (दम) पीसा जाता है और फिर मलाईदार दूध के साथ मिलाया जाता है.
नीलगिरि चाय को ब्लू माउंटेन टी के रूप में जाना जाता है. इसकी उत्पत्ति पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग में हुई है. यह एक ऐसी चाय है जिसकी बेहद सुगंधित, स्वादिष्ट और गहरे रंग की विशेषताओं के कारण दुनिया भर में सबसे अधिक मांग है. नीलगिरी की चाय का स्वाद आइस्ड टी के रूप में भी बहुत अच्छा लगता है. (Photo: Instagram)