राजधानी दिल्ली में टयूलिप फेस्टिवल की तैयारी शुरू हो चुकी है. एनडीएमसी ने 300000 से ज्यादा ट्यूलिप बल्ब नीदरलैंड से मुंबई के रास्ते राजधानी दिल्ली मंगवाए हैं जिन्हें राजधानी दिल्ली के लोधी रोड में कोल्ड स्टोरेज करके रखा गया है. एनडीएमसी फरवरी में टयूलिप फेस्टिवल को होस्ट करने जा रहा है से ही शुरू कर दी गई है. 13 से ज्यादा ट्यूलिप की प्रजातियां राजधानी दिल्ली के एनडीएमसी एरिया और चाणक्यपुरी के शांति पाठ के डेढ़ किलोमीटर के पेंच पर लगाए गए हैं. शांति पाठ के डेट किलोमीटर के एरिया में 6 से 7 अलग-अलग रंग के ट्यूलिप के फूल फरवरी तक खिल उठेंगे. पीला, सफेद, गुलाबी, बेगानी, लाल रंग के 12 टेबल बोए गए हैं.
बुधवार को एनडीएमसी का बजट पास हुआ जिसमें सौंदर्यकरण और हॉर्टिकल्चर के लिए 122 करोड़ का बजट रखा गया. राजधानी दिल्ली को फूलों का शहर बनाने की तैयारी कुछ समय से चल रही है और उसी का हिस्सा है ये टयूलिप फेस्टिवल.
वैसे तो लोग लोग ट्यूलिप फेस्टिवल दिखने विदेश तक जाते हैं. जापान का ट्यूलिप फेस्टिवल बहुत प्रचलित है. भारत में लोग कश्मीर जाकर ट्यूलिप गार्डन देखते हैं, मगर एनडीएमसी की कोशिश है कि पर्यटकों को और दिल्ली वासियों को ट्रेलर देखने के लिए बाहर न जाना पड़े. वह अपनी राजधानी दिल्ली में ही ज्वेलर्स फेस्टिवल का मजा उठा सके और सुंदर-सुंदर ज्वैलर्स के फूल राजधानी दिल्ली की शान और खूबसूरती बढ़ा सके.
वैसे तो ट्यूलिप के फूल और पौधे ठंडे इलाकों में खेलते हैं, इसलिए दिसंबर से फरवरी का समय राजधानी दिल्ली में चुना गया है. टयूलिप फेस्टिवल के लिए जब तापमान 24 से 23 डिग्री तक अधिकतम जाता है. सर्दियों का समय राजधानी दिल्ली में टेलीफोन गाने के लिए काफी अनुकूल है.
12 फेस्टिवल के लिए एनडीएमसी अलग-अलग देशों से ट्यूलिप इंपोर्ट करता है. मगर अब राजधानी दिल्ली के लोधी रोड में एक कोल्ड स्टोरेज बनाया गया है, जहां पर फिलिप्स के बल्ब रखे जाएंगे ताकि कम तापमान में राजधानी दिल्ली में ही आने वाले टयूलिप फेस्टिवल के लिए 12 बल्ब उगाई जाए.