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रोड बनाने में भारत ने अमेरिका, चीन और जापान को भी छोड़ा पीछे, 100 घंटे में 100 किमी सड़क तैयार कर बनाया रिकॉर्ड

गाजियाबाद- अलीगढ़ एक्सप्रेस वे के बीच NH 34 पर 15 मई को  सुबह 10 बजे से इस सड़क को बनाने का काम शुरू हुआ था जो 19 मई को 2 बजे 100 घंटे में 112 किलोमीटर बनकर तैयार हो गई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी ट्वीट करके टीम को बधाई दी है.

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दुनिया को पीछे छोड़ भारत ने आज एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम बना दिया है.  भारत में 100 घंटे में 100 किलोमीटर की सड़क बनाकर तैयार कर दी है. सड़क निर्माण में भारत ने चीन,अमेरिका और जापान को भी पीछे छोड़ दिया. गाजियाबाद- अलीगढ़ एक्सप्रेस वे के बीच NH 34 पर 15 मई को  सुबह 10 बजे से इस सड़क को बनाने का काम शुरू हुआ था जो 19 मई को 2 बजे 100 घंटे में 112 किलोमीटर बनकर तैयार हो गई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी ट्वीट करके टीम को बधाई दी है.

8 घंटे की शिफ्ट, एक शिफ्ट में 100 से ज्यादा इंजीनियर
इस सड़क को 15 मई की तारीख सुबह 10 बजे से बनाना शुरू किया गया था. टारगेट था कि 100 घंटे में 100 किमी की सड़क तैयार करनी है. सड़क को बनाने के लिए 8-8 घंटे के शिफ्ट में मजदूर और इंजीनियर्स ने काम किया. इंजीनियर्स की टीम को लीड करने वाले अर्पण घोष बताते हैं कि एक शिफ्ट में कम से कम 100 इंजीनियर्स और 250 मजदूर काम करते थे. हर मिनट में 3 मीटर से ज़्यादा की रोड तैयार की गई. बड़ी बात ये कि इस भीषण गर्मी में मजदूर और इंजीनियर्स के लिए बहुत सारे एक्सट्रा इंतजाम करने पड़े. एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी. सबसे बड़ा चैलेंज ये भी था कि सड़क की दूसरा तरफ का ट्रैफिक लगातार चल रहा था.

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इंवायरमेंट फ्रेंडली तकनीक का इस्तेमाल
एनएचएआई के रिजनल ऑफिसर संजीव कुमार शर्मा बताते हैं कि इस सड़क को बनाने में इंवायरमेंट का भी पूरा ख्याल रखा गया है. सड़क को रिसाइकल्ड मटेरियल से तैयार किया गया है. सड़क को बनाने के लिए पुराने मटेरियल का ही इस्तेमाल किया गया है. सड़क को बनाने में 51849 मैट्रिक टन बिटुमन कंक्रीट 2700 मैट्रिक टन बिटुमन लगा है. 6 हॉट मिक्स प्लांट में इस मटैरियल को तैयार किया गया है.

इस सड़क के निर्माण से भारत को एक मॉडल भी मिला है. इस मॉडल के जरिए आने वाले वक्त में हाइवे और एक्सप्रेसवे और जल्दी तैयार हो जाएंगे.