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10 Rupees Note Auction: नोट 10 रुपए का... पर कीमत 2.7 लाख रुपए, जानिए क्या है कहानी 106 साल पुराने नोट की

लंदन के मेफेयर में ऑक्शन हाउस नूनन्स में दो 10 रुपए को नोटों ने लोगों को हैरान किया हुआ है. आपको बता दें कि ऑक्शन में इन 10 रुपये के हर एक नोट की कीमत 2.7 लाख रुपये तक लगाई जा सकती है. जानिए ऐसा क्या है खास इन नोटों में.

106 years old note of 10 rupees (Photo: X/@NoonansAuctions) 106 years old note of 10 rupees (Photo: X/@NoonansAuctions)

लंदन के मेफेयर में ऑक्शन हाउस नूनन्स में वर्ल्ड बैंक नोटों की बिक्री के हिस्से के रूप में दो 10 रुपए के नोटों को रखा गया है. बिक्री के दौरान 10 रुपए के इस नोट की कीमत 2.1 से लेकर 2.7 लाख रुपये तक लग सकती है. इसका मतलब है कि ये दोनों नोट पांच लाख रुपए से ज्यादा के बिक सकते हैं. इन दोनों नोटों पर कोई हस्ताक्षर नहीं है और इनका कागज बहुत शानदार गुणवत्ता वाला और बहुत दुर्लभ है. दिलचस्प बात यह है कि ये दोनों नोट 106 साल पुराने हैं. जी हां, इन दोनों नोटों को 2 जुलाई, 1918 को डूबे एसएस शिराला के मलबे से बरामद किया गया था. 

पहले विश्व युद्ध से जुड़े हैं तार 
आपको बता दें कि 2 जुलाई, 1918 को, प्रथम विश्व युद्ध के अंत में, 'एसएस शिराला' नामक एक ब्रिटिश जहाज इंग्लिश चैनल में डूब गया था. इसे खतरनाक जर्मन पनडुब्बी यूबी-57 ने डुबोया था, जिसकी कमान ओबरलेउटनेंट जोहान्स लोह्स के पास थी. जोहान्स ने 29 साल की उम्र में मरने से पहले 1.5 लाख टन से ज्यादा संयुक्त क्षमता वाले दर्जनों दुश्मन जहाजों को नष्ट कर दिया था. लेकिन तब कहां किसी को पता था कि 106 साल पहले डूबा शिराला आज सुर्खियों का हिस्सा बनेगा. 

शिराला के मलबे से बचाए गए दो 10 रुपये के नोट और एक रुपये के नोट की ब्रिटिश नीलामी घर नूनन्स मेफेयर में नीलामी की जाएगी. 10 रुपये के हर एक नोट की कीमत 2.7 लाख रुपये तक हो सकती है. फ्लोटिंग वॉल्ट शिराला एक छोटा जहाज था, जो सिर्फ 425 फीट लंबा और 50 फीट चौड़ा था. इसे 31 अगस्त, 1901 को लॉन्च किया गया था और यह ब्रिटिश इंडिया स्टीम नेविगेशन कंपनी के लिए बिस्कुट से लेकर रेलवे स्लीपर तक सब कुछ लेकर गया था.

लेकिन जब 1 जुलाई, 1918 को यह बंबई की अपनी अंतिम यात्रा पर निकला, तो इसमें कीमती माल भी लदा हुआ था. कुछ लोग कहते हैं कि बोर्ड पर हीरे थे, तो अन्य लोग हाथी के दांतों के बारे में बताते हैं. इसमें निश्चित रूप से बहुत सारे मुरब्बा के जार थे - विशेष रूप से, भारत में अंग्रेजों के लिए डंडी मुरब्बा और उनके वाहनों और हथियारों के लिए स्पेयर पार्ट्स. साथ ही, शिराला नए करेंसी नोट ला रहा था. 

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जहाज में मौजूद थे अलग-अलग नोटों के बंडल 
जहाज में बाकी सामान के साथ, 1 रुपये के हस्ताक्षरित नोटों, 5 रुपये और 10 रुपये के अहस्ताक्षरित नोट भी थे. 1 रुपये का नोट 30 नवंबर, 1917 को पेश किया गया था. उस समय तक, 5 रुपये भारत में नोटों के लिए सबसे छोटा मूल्यवर्ग था. इंटरनेशनल बैंक नोट सोसाइटी जर्नल के एक लेख में कहा गया है कि 1 रुपये के नोट ब्रिटेन से पूर्व-हस्ताक्षरित आते थे, इसलिए जब शिराला डूब गया, तो यह "समुद्र में खोए हुए नोटों का पहला मामला बन गया, जो इंग्लैंड से भारत में आने से पहले पूर्व-हस्ताक्षरित नोट थे.  

बड़े नोट ब्रिटेन से बिना हस्ताक्षर किए भेजे गए थे, और भारतीय मुद्रा कार्यालय में अधिकारियों के हस्ताक्षर होने के बाद ही वैलिड करेंसी बनते थे. जैसे ही शिराला अंग्रेजी तट के करीब उथले पानी में डूब गया, उसके माल के टुकड़े किनारे पर बहने लगे. इनमें तीनों मूल्यवर्ग के नोट थे. 6 फरवरी, 1920 के एडिशन में, द पायनियर मेल ऑफ इलाहाबाद ने जानकारी दी कि इस घटना के बाद कुछ नोट बचाए गए थे और इन्हें स्थानीय बैंकों से रंगून के मुद्रा कार्यालय में भेजा गया. कुछ मामलों में, शिराला के नोट जाली हस्ताक्षर के साथ चलाए गए थे. और 5 रुपए के मुल्यवर्ग के आठ नोट अधिकारियों के पास पहुंचे. 

साथ ही, शिराला के कुछ नोट उनके लोगों के पास भी रह गए जिन्होंने जहाज के डूबने के बाद खोजबीन की. यही कारण है कि, 106 सालों के बाद, ये नोट नीलामी के लिए तैयार हैं. इस बीच जहाज का मलबा गोताखोरों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. हिस्टोरिक इंग्लैंड, जो ब्रिटिश विरासत स्थलों की देखभाल करता है, का कहना है कि शिराला के भंडार में अभी भी "शराब के डिब्बे; डंडी मुरब्बे के बक्से; वाहनों के लिए स्पेयर... दूरबीन और टेलीस्कोप; कुछ हाथी दांत..." आदि हैं.