'छोटा बच्चा जान के ना कोई आंख दिखाना रे'.. वैसे तो ये मासूम फिल्म का एक गाना है, पर कई बार कुछ बच्चों पर ये पंक्तियां बिल्कुल सटीक बैठती हैं. कई बार छोटे बच्चे भी ऐसे-ऐसे काम कर जाती हैं जिन्हें कर पाना बड़े-बड़ों के भी बस की बात नहीं होती. ऐसा ही एक रिकॉर्ड इंदौर की रहने वाली एक चार साल की मासूम बच्ची ने बनाया है, जिसे सुनकर आप भी दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे. खिलौने खेलने की उम्र में ये बच्ची संख्याओं से ऐसे खेलती है कि सामने वाला दंग रह जाता है.
इंदौर की रहने वाली आदिरा पोरवाल ने एक नया और अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. महज 4 साल 15 दिन की आदिरा पोरवाल ने इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है. इस नटखट मगर तेज दिमाग बच्ची ने 15 अंकों की 5 संख्याओं को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय डिजिट सिस्टम से पढ़ कर दिखा दिया. नन्ही आदिरा महज 4 साल की उम्र में ही अपना लोहा मनवा चुकी है. आदिरा अभी KG 1 में पढ़ती है. उसकी खासियत यह है कि जहां वो गिनती में बिलियन ट्रिलियन समझती है, तो वहीं शंख और पदम् जैसी संख्याओं को भी जानती है, जिसे अक्सर बड़े-बड़े लोग भी नहीं जानते हैं.
15 डिजिट की 5 संख्याओं को पढ़ कर दिखाया
आदिरा ने रिकॉर्ड बनाने के लिए 15 डिजिट की 5 संख्याओं को आसानी से पढ़ कर दिखाया था. रिकॉर्ड बनने के बाद अदिरा अब 15 के बजाए 19 डिजिट तक की संख्याओं को आसानी से पढ़ कर सुना देती है. नटखट और चंचल आदिरा बड़ी होकर डॉक्टर बनने की बात अपने मासूम लहजे में बताती है. नन्ही आदिरा की इच्छा है कि वह डॉक्टर बने, लेकिन उसका दिमाग गणित में बहुत तेज चलता है. आदिरा की मासूम आंखें नंबर और संख्याओं को बड़ी तेजी से पकड़ते हैं और उतनी ही फुर्ती से वह तुरंत बता भी देती है की संख्या कौन सी है.
बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है
आदिरा की इस उपलब्धि में उसकी मां पायल पोरवाल और उसकी टीचर निहारिका जोशी का अहम योगदान है. आदिरा की मां पायल बैंक में कैशियर का काम करती हैं और उसके पिता आशुतोष पोरवाल बिजनेस डेवेलपमेंट मैनेजर है. आदिरा की मां पायल पोरवाल बताती हैं कि उनकी बेटी केजी 1 में पढ़ती है और बचपन से ही काफी मेधावी भी है. आदिरा शुरुआत में करोड़ तक की संख्या पढ़ लेती थी फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ती गई.
आदिरा की टीचर निहारिका जोशी ने उसे मैजिक मैथ्स सिखाया. आदिरा भारतीय और अंतरराष्ट्रीय डिजिट रीडिंग के साथ-साथ उनकी प्लेस वेल्यू भी बता देती है. इंग्लिश डिजिट के साथ-साथ यह भारतीय प्रणाली के शंख तथा पदम के अनुसार भी आसानी से पढ़ लेती है. आदिरा पहले वीडियो शूट नहीं करने देती थी लेकिन जबसे उसकी मां पायल ने उससे कहा कि अगर वो पढ़ाई करेगी तो मोदी जी उसे मेडल लेंगे. उसके बाद से आदिरा मन लगाकर पढ़ती भी है और वीडियो भी बनवाती है.
(धर्मेंद्र शर्मा की रिपोर्ट)