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Exclusive: गुजरात के विजय डोबरिया ने 20 बुजुर्गों के लिए किराए पर खोला था वृद्धाश्रम, अब बनाने जा रहे 5000 लोगों के लिए 1400 कमरे वाला 5-स्टार आश्रम 

5-star old age home in Gujarat: 20 बुजुर्गों के साथ किराए के मकान में शुरू हुआ यह सफर, आज 600 से अधिक बुजुर्गों का घर बन चुका है. और अब विजयभाई 300 करोड़ रुपये की लागत से 30 एकड़ में फैले, 5-स्टार सुविधाओं वाला वृद्धाश्रम बना रहे हैं. इसमें 1400 कमरे और 5000 बुजुर्गों के रहने की जगह होगी. 

Vijaybhai Dobariya Vijaybhai Dobariya
हाइलाइट्स
  • 2015 में शुरू किया वृद्धाश्रम

  • मैनेजमेंट और टीम वर्क का बेहतरीन उदाहरण

74 साल की उम्र में यूपी के मुज़फ्फरनगर में रहने वाले शिवकुमार अपने घर से बेगाने हो गए. मझली बहू ने धक्के मारकर घर से निकाल दिया. बेटों को भी पिता के बुढ़ापे पर तरस नहीं आया. वहीं, बुलंदशहर में करोड़पति बेटे ने पिता को घर से निकाल दिया. वे गुहार लगाते हुए पुलिस के पास पहुंचे. पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने घरेलू मामला कहकर कन्नी काट ली… हम न जाने हर दिन ऐसे कितने मामले सुनते हैं. एक उम्र के बाद बच्चों की तरह ही बुजुर्गों को भी सहारे की जरूरत होती है. हालांकि, कई मामलों में लोग अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेते हैं. लेकिन एक शख्स है जिसने न जाने ऐसे कितने बुजुर्गों की जिम्मेदारी अपने सर ली हुई है. 

गुजरात के रहने वाले विजय डोबरिया पिछले 10 साल से वृद्धाश्रम चला रहे हैं. अब ज्यादा लोगों को घर मिल सके इसके लिए वे एक बड़ा वृद्धाश्रम बना रहे हैं. ये एक 5-स्टार वृद्धाश्रम होने वाला है. जिसमें 5 स्टार टाइप फैसिलिटी मिलने वाली है. 5000 बुजुर्गों के लिए बनाए जा रहे इस वृद्धाश्रम में 7 टावर होने वाले हैं. हर टावर में 1 हॉस्पिटल, कमरे में सीसीटीवी-बाथरूम आदि की सुविधा  होने वाली है. 

2015 में शुरू किया वृद्धाश्रम 
दरअसल, 15 अगस्त 2015 का दिन विजयभाई डोबरिया की जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट बन गया. एक आम दिन की तरह वे अपने काम में व्यस्त थे, जब उनकी मुलाकात एक 70 साल के बुजुर्ग से हुई. ठेला खींचने वाले उस बूढ़े व्यक्ति की कहानी सुनकर विजयभाई का दिल पसीज गया. विजयभाई डोबरिया ने GNT डिजिट को बताया, “मैंने एक रोता हुआ बुजुर्ग देखा. वह ठेला चलाते थे. इतनी उम्र में भी उन्हें काम करना पड़ रहा था. एक हफ्ते से उनकी कोई कमाई नहीं हुई थी. और करीब 2 दिन से वे भूखे थे. घर खाली हाथ जाते तो उनकी पत्नी परेशान हो जाती. वह व्यक्ति इतना था कि मरने तक की बात कर रहा था. इस घटना ने मुझे अंदर तक हिला दिया. मैंने सोचा, न जाने ऐसे कितने बुजुर्ग होंगे जो अकेले और लाचार हैं. तब मैंने एक छोटे से वृद्धाश्रम की शुरुआत की.” 

इस तरह से 20 बुजुर्गों के साथ किराए के मकान में शुरू हुआ यह सफर, आज 600 से अधिक बुजुर्गों का घर बन चुका है. और अब विजयभाई 300 करोड़ रुपये की लागत से 30 एकड़ में फैले, 5-स्टार सुविधाओं वाला वृद्धाश्रम बना रहे हैं. इसमें 1400 कमरे और 5000 बुजुर्गों के रहने की जगह होगी. 

5-स्टार वृद्धाश्रम, बुजुर्गों के लिए एक नई जिंदगी  
गुजरात में बन रहा यह वृद्धाश्रम किसी फाइव-स्टार होटल से कम नहीं होगा. 30 एकड़ की जमीन पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट में 7 ऊंचे टावर होंगे, हर टावर में लिफ्ट और हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. विजयभाई ने बताया, “हमने यह सुनिश्चित किया है कि हर बुजुर्ग को आरामदायक और सुरक्षित माहौल मिले. यहां रहना, खाना-पीना, दवाइयां और इलाज सबकुछ मुफ्त होगा.”  

2025 में इस प्रोजेक्ट की पहली बिल्डिंग का उद्घाटन होगा, जिसमें 700 लोग रह सकेंगे. पूरे प्रोजेक्ट को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.  

एक छोटे से प्रयास से बड़े आंदोलन तक
विजयभाई का पहला वृद्धाश्रम 20 लोगों के लिए था. धीरे-धीरे, लोगों की संख्या बढ़ी और उन्हें ज्यादा जगह की जरूरत महसूस हुई. उन्होंने बताया, “हमने एक बिल्डिंग किराए पर ली, फिर तीन और, लेकिन यह भी काफी नहीं थी. तब मैंने बड़ा सोचने का निर्णय लिया. डोनर्स की मदद से 30 एकड़ जमीन खरीदी गई. आज पूरे भारत से लोग इस प्रोजेक्ट के लिए डोनेशन दे रहे हैं. बिना मांगे लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं.”  

मैनेजमेंट और टीम वर्क का बेहतरीन उदाहरण
विजयभाई के वृद्धाश्रम में हर पहलू को व्यवस्थित तरीके से संभाला जाता है. उन्होंने बताया, “हमारे पास 600 बुजुर्गों की देखभाल के लिए बड़ी टीम है. जब भी यहां रहने वालों की संख्या बढ़ती है, हम टीम को और बड़ी कर देते हैं. सभी स्टाफ को उनकी सेवाओं के लिए भुगतान किया जाता है. यह पूरी तरह से प्रोफेशनल और पेड हेल्प है.”  

पेड़ों से बुजुर्गों तक: हरित भारत का सपना
विजयभाई को गुजरात का ‘ट्री मैन’ भी कहा जाता है. उन्होंने 2014 में पेड़ लगाने की शुरुआत की थी और अब तक 30 लाख पेड़ बड़े कर चुके हैं. उनके इस अभियान की खासियत यह है कि वे हर पेड़ का ध्यान तब तक रखते हैं जब तक वह 20 फीट तक बड़ा न हो जाए. वे कहते हैं, “हमने शुरुआत गांव से की थी. अब हमारा लक्ष्य है पूरे भारत को हरियाली से भर देना. हर 2000 पेड़ों पर एक ट्रैक्टर, एक टैंकर, दो लेबर और एक ड्राइवर तैनात रहते हैं. 4 साल तक हमारी टीम पेड़ों की देखभाल करती है. 150 करोड़ पेड़ लगाने का मेरा सपना है, और मैं इसे अगले 20 साल में पूरा करूंगा.”

समाज के प्रति जिम्मेदारी  
विजयभाई का यह प्रोजेक्ट न केवल बुजुर्गों की मदद कर रहा है, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा दे रहा है. विजयभाई का कहना है कि उनका यह प्रोजेक्ट पूरी तरह डोनेशन पर आधारित है. “लोग बिना मांगे मदद कर रहे हैं. एक कमरे के लिए 11 लाख रुपये का डोनेशन दिया जा रहा है. पूरे भारत से लोग सहयोग कर रहे हैं. यह सद्भावना का प्रतीक है.” 

विजयभाई के अनुसार, जो भी वृद्धाश्रम में रहना चाहता है, वह 8000288888 नंबर पर संपर्क कर करते हैं. यह पूरी तरह से फ्री है.  

विजयभाई का यह 5-स्टार वृद्धाश्रम न केवल एक बिल्डिंग है, बल्कि यह एक उम्मीद है, एक नया जीवन है, और एक समाज को सही दिशा में ले जाने का प्रयास है. उनके जैसे लोग हमें यह सिखाते हैं कि अगर इंसान ठान ले तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकता है और समाज के लिए एक मिसाल बन सकता है. आखिर में वे कहते हैं, “हर बुजुर्ग को सम्मान देना ही मेरा सपना है.”