स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल उत्तर प्रदेश के शहरों में अब स्वच्छता के लिए एक नई पहल शुरू की गई है. ’प्रतिबद्ध: 75 जिले, 75 घंटे , 750 निकाय’ नाम के अभियान से स्वच्छता के अभियान को पूरे प्रदेश में मिशन मोड पर लाने की शुरूआत की गई है. इसमें जहां खासतौर पर कचरा डालने के स्थानों को साफ किया जाएगा, वहीं इन स्थानों का सौंदर्यीकरण कर वहां सेल्फी पॉइंट्स भी बनाए जाएंगे. 1 दिसंबर से इसकी शुरुआत की गई है.
कचरा डालने के स्थान पर होंगे सेल्फी पॉइंट्स
शहरों में कई बार कुछ ऐसे स्थान होते हैं जहां जाने-अनजाने कूड़ा कचरा डंप होने लगता है. पर यूपी में ऐसे स्थानों पर अब आपको सेल्फी पॉईंट (selfie points) मिलेंगे. साथ ही प्रयोग के तौर पर कई शहरों में कचरा फेंकने से रोकने के लिए नगर निगम की चौकी भी होगी. ये चौकियां लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक तो करेंगी ही साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लोग अन्य कचरा न डालें. नगर विकास मंत्री ए के शर्मा ने जहां लखनऊ में इस अभियान की शुरुआत की वहीं इसके लिए प्रदेश भर के 750 निकायों को भी एक्टिव किया गया है.
यूपी में नया स्वच्छता अभियान
यूपी में नया स्वच्छता अभियान 75 घंटों तक प्रदेश के सभी 75 जिलों में चलाया जाएगा. इस नॉन स्टॉप अभियान के लिए लखनऊ में नगर निकाय के निदेशालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. जिससे लगातार अलग-अलग स्थानों की मॉनिटरिंग की जा रही है. 750 नगर निकायों में स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां सफाई की शुरुआत हो गई है. सबसे पहले कूड़े -कचरे को इकट्ठा करने के लिए ऐसे संवेदनशील स्थानों (garbage vulnerable points) को चिह्नित किया गया था जहां लोग कूड़ा कचरा डालते हैं. इसके बाद उन स्थानों की सफाई शुरू हो गई है. इसके लिए ट्रक जेसीबी से कचरे का निस्तारण कराया जा रहा है. नगर निकाय की निदेशक नेहा शर्मा ने बताया कि पूरी तरह से ये निर्देश दिया गया है कि वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निस्तारण और प्रबंधन कराया जाए. पूरी तरह से उन स्थानों की सफाई के बाद वहां सेल्फी पॉइंट्स भी बनाए जाएंगे. उसके लिए उन स्थानों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा.
50 साल से फेंका जा रहा था कचरा
पूजा के फूल और अगरबत्ती जैसे चीजों के लिए नदियों के पास ‘अर्पण घड़ा’ रखा जा रहा है. जिससे लोग पूजा के बाद फूल, अगरबत्ती जैसी चीजों को नदी में न फेंके बल्कि उसे अर्पण घड़े में डालें. लखनऊ के कंट्रोल रूम को मिली जानकारी के अनुसार पहले ही दिन सहारनपुर में कचरे के एक ऐसे डंपिंग पॉइंट का पता चला जहां 50 साल से भी ज्यादा समय से कचरा फेंका जा रहा था. आगे योजना है कि ऐसे स्थानों को बाद में रेहड़ी पटरी वालों (street vendors) को दिया जाए जिससे वो अपना सामान बेच सकें और दोबारा उस स्थान पर कचरा न फेंका जा सके.
जल्द ही दिखेगी नगर निगम की स्वच्छता चौकी
यूपी को स्वच्छता की दौड़ में आगे ले जाने के लिए जल्दी ही प्रयोग के तौर पर नगर निगम की स्वच्छता चौकी भी दिखाई देगी. अभियान की 75 घंटों तक लगातार मॉनिटरिंग भी होगी. साथ ही हर नगर निकाय में कॉम्पटिशन भी होगा. किसी स्थान की सफाई से पहले और बाद में जीयो टैगिंग के साथ फोटो निदेशालय को भेजना होगा. यानि स्वच्छता का बेहतर रिजल्ट देने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा. केंद्र सरकार की तरफ से जारी स्वच्छता सर्वेक्षण की ताजा रैंकिंग में यूपी का एक भी शहर टॉप टेन में नहीं था. ऐसे में इस नए अभियान से यूपी में स्वच्छता के मिशन को गति मिल सकती है.