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Bee Keeping: Muzaffarpur के 75 वर्षीय किसान सत्यनारायण मधुमक्खी पालन से कर रहे हैं लाखों की कमाई, सिर्फ 10 बॉक्स से शुरू किया था कारोबार

75 वर्षीय सत्यनारायण ने दस बॉक्स से मधुमक्खी पालन का कारोबार शुरू किया था. और आज उनका यह कारोबार करोड़ों की आमदनी करवा रहा है. उनकी इस सफलता को देख आसपास के दर्जनों गांव में सैकड़ों लोग मधुमक्खी पालन कर लाखों की कमाई कर रहे हैं.

Satyanarayan Azad Satyanarayan Azad
हाइलाइट्स
  • मधुमक्खी के एक बॉक्स से होती है दो से ढाई हजार की कमाई

मुजफ्फरपुर का शिवराहा चतुर्भुज और इसके आसपास का इलाका जो कभी बाढ़ और अपराध के लिए जाना जाता था. अब मधुमक्खी कारोबार के लिए जाना जा रहा है. शिवराहा चतुर्भुज गांव के सत्य नारायण आजाद ने खादी ग्रामोद्योग से ट्रेनिंग कर 1970 में अनुदान में मिले दस बॉक्स मधुमक्खी से मधुमक्खी पालन की शुरुआत की. और आज कारोबार में मिली सफलता को देखते हुए उनका पूरा परिवार और रिश्तेदार इससे जुड़ा गया है.

10 बॉक्स से 4 हजार बॉक्स तक पहुंचा कारोबार

कभी 10 बॉक्स से कारोबार की शुरुआत की थी. और आज आजाद के पास करीब 4 हजार मधुमक्खी बॉक्स है. जिसका सालाना कारोबार करोड़ों में होता है. इतना ही नहीं शिवराहा चतुर्भुज गांव के तकरीबन सभी लोग इस कारोबार से जुड़ गए हैं. आसपास के दर्जनों गांव जैसे शिवराहा चतुर्भुज, बेलहैया,मझौलिया मोहल्ला,समेत दर्जनों गांव के सैकड़ों लोग मधुमक्खी पालन कर लाखों में आमदनी कर रहे हैं.

Bee Keeping

एक बॉक्स से होती है दो से ढाई हजार की कमाई

एक बॉक्स में लागत 4 से 5 हजार आता है और एक सीजन में दो से ढाई हजार की आमदनी प्रति बॉक्स होती है. 75 वर्षीय सत्यनारायण आजाद जब मधुमक्खी का प्लेट हाथों में लेते हैं तो काफी खुश दिखाई देते हैं और कारोबार में मिली सफलता की कहानी सुनाने लगते हैं. गांव के दूसरे लोग भी काफी उत्साहित होकर मधुमक्खी पालन और इससे होने वाली आमदनी की बात कहते हैं.

मधुमक्खी पालन करके समृद्ध हुआ पूरा गांव

1970 में मधुमक्खी पालन की शुरुआत करने वाले सत्य नारायण आजाद बताते है कि ठीक से अब याद नही है. लेकिन खादी ग्रामोद्योग से ट्रेनिंग कर दस बॉक्स मधुमक्खी मिला था. उस समय इलाके में बाढ़ काफी आता था और अपराधिक घटना काफी होती थी. पहली बार दस बक्सा लेकर पंजाब गए और वहां से भी दस बक्सा मिला. फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. हमारे गांव के सभी लोग और पूरा इलाका मधुमक्खी पालन करके समृद्ध हो गया है. वहीं मधुमक्खी पालन करने वाले शिवजी पासवान ने बताया की आज हमारे पास तीन सौ बॉक्स मधुमक्खी है. सालाना 7 से आठ लाख की आमदनी होती है. शुरुआत में आजाद जी के यहां ही काम करके हमने सीखा है. 

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पंजाब करते हैं सप्लाई और वहां से होता है इंपोर्ट

सत्य नारायण आजाद के बेटे बताते हैं कि आसपास के कई गांव के लोग इस कारोबार से जुड़ गए हैं. हमारे पास 4 हजार मधुमक्खी बॉक्स है. हमने अब मधु प्यूरीफायर मशीन भी लगा लिया है. पंजाब में सप्लाई करते हैं और वहा से इंपोर्ट होता है.

(मुजफ्फरपुर से मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट )